बढ़ते प्रदूषण को कम करने के लिए अब नया प्रयोग किया जा रहा है। अगर प्रयोग सफल रहा तो आने वाले सालों में आप इलेक्ट्रिक कारों के साथ हाइड्रोजन ईंधन से चलने वाली कारों का मजा ले सकेंगे। इस गाड़ी की ख़ास बात यह कि एक किलोग्राम हाइड्रोजन गैस से 120 किलोमीटर तक का सफ़र तय कर सकती है। दरअसल, जापान और अमेरिका से चलने वाली कारों की शरुवात हो चुकी है वहां पांच किलोग्राम का टैंक पुल कराने पर करीब 700 किलोमीटर का सफर कर सकते हैं। इससे प्रदूषण भी नहीं होगा।
अड़चन यह है, कि अपने देश में हाइड्रोजन ईंधन की उपलब्धता फिलहाल नहीं है। ऑटोमोबाइल सेक्टर सरकार की तरफ उम्मीद से देख रहा है। एक और अड़चन कीमत को लेकर है। हाइड्रोजन कारें पेट्रोल की तुलना में ज्यादा महंगी होती हैं, जबकि अपने देश में महंगी कारें खरीदने वालों की तादाद बहुत कम है। ऐसे में हाइड्रोजन से चलने वाली कारों की कीमत कम करना भी ऑटोमोबाइल सेक्टर के लिए चुनौती है।
अगले दस वर्षों में आ सकती हैं हाइड्रोजन से चलने वाली कारें
होंडा कंपनी के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट (मार्केटिंग एंड सेल) ज्ञानेश्वर सेन का कहना है कि हाइड्रोजन ईंधन उपलब्ध कराना एक नीतिगत निर्णय है। सरकार इस दिशा में काम कर रही है। अगर इसमें सफल रहे तो यह ऑटोमोबाइल के लिए एक नया आयाम होगा। इससे देश में डीजल-पेट्रोल की खपत के साथ प्रदूषण रोकने में भी सफलता मिलेगी। वे 2018 में अगले जनरेशन की होंडा अमेज के बारे में जानकारी दे रहे थे।
ड्राइवर लेस कार पर भी फोकस
बिना ड्राइवर के आपकी कार आपके गंतव्य तक पहुंचाकर वापस अपनी जगह आकर खड़ी हो जाए तो कितना बढिय़ा होगा। ऑटो मोबाइल सेक्टर ड्राइवर लेस कारों पर भी तेजी से काम कर रहा है।महानगरों में जिस तेजी से पार्किंग की समस्या बढ़ रही है आने वाले दिनों में कार खड़ी करने की जगह मिलना मुश्किल हो जाएगा। इस समस्या को दूर करेगी ड्राइवर लेस कार।
होंडा कंपनी के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट (मार्केटिंग एंड सेल) ज्ञानेश्वर सेन कहते हैं, कि आने वाले दिनों में तकनीक के अनुसार कारें इतनी अपग्रेड हो जाएंगी कि कारें आपके इच्छा के अनुसार खुद चलेंगी।खासकर सुरक्षा फीचर्स पर ज्यादा जोर रहेगा। जैसे अगर आगे कोई खतरा है तो उसका इंडीकेटर पहले ही मिल जाएगा। आपने अगर लेन चेंज किया है तो उसका भी इंडीकेशन मिल जाएगा। ऐसे तमाम फीचर देखने को मिलेंगे।