ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई अहम मुद्दों पर समझौते किए। इन समझौतों में सबसे खास चाबहार बंदरगाह पर समझौता है। ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बीच शनिवार को यहां हैदराबाद हाउस में हुई प्रतिनिधिमंडल स्तर की बातचीत में दोनों पक्षों ने ये प्रतिबद्धता व्यक्त की।
दोनों देशों ने जिन दस्तावेजों पर शनिवार को हस्ताक्षर किए उनमें दोहरे कराधान एवं राजस्व चोरी से बचने, प्रत्यर्पण संधि के क्रियान्वयन का दस्तावेज, पारंपरिक चिकित्सा प्रणाली, स्वास्थ्य एवं चिकित्सा, कृषि एवं संबंधित क्षेत्र, डाक क्षेत्र में सहयोग तथा राजनयिक पासपोर्टधारकों को वीसा लेने से छूट के अलावा चाबहार परियोजना के शाहिद बेहेस्ती बंदरगाह के पट्टे को भारत को देने का करार शामिल है जिसमें भारत को 18 माह
तक इस बंदरगाह की संचालन का अधिकार दिया गया है।
बाद में मोदी ने अपने प्रेस वक्तव्य में कहा कि डॉ। रूहानी की यात्रा से भारत एवं ईरान के सभ्यता एवं संस्कृति के हजारों साल पुराने संबंधों की बुनियाद पर आधारित हमारे दोस्ताना रिश्तों में और मजबूती आई है।
पीएम ने कहा चाबहार पोर्ट के लिए ईरान के सहयोग पर धन्यवाद करते हुए कहा, ‘चाबहार के लिए आपने जो नेतृत्व दिया है उसके लिए भारत आभार जताता है।’ उन्होंने कहा, ‘आज जो भी समझौते हुए वह पिछले कुछ समय में हुई प्रगति का परिणाम है। मैं 2016 में ईरान गया था और द्विपक्षीय यात्रा का रोडमैप तैयार किया था।’
पीएम ने कहा कि दोनों देश इस क्षेत्र को आतंकवाद से मुक्त देखना चाहते हैं। उन्होंने कहा, ‘हम अपने पड़ोसी देश अफगानिस्तान को शांत, समृद्ध देखना चाहते हैं। अपने इस क्षेत्र को आतंकवाद से मुक्त देखना चाहते हैं।’
ईरान के राष्ट्रपति रूहानी ने भी कहा कि उनका देश भारत के साथ पुराने सांस्कृतिक और ऐतिहासिक रिश्तों को मजबूत करना चाहते हैं। उन्होंने कहा, ‘हम दोनों देशों के में रेलवे स्टेशन बनाना चाहते हैं। चाबहार पोर्ट का विकास जारी रहेगा।’
इससे पहले रूहानी का राष्ट्रपति भवन में औपचारिक स्वागत किया गया। सुबह विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने रूहानी से भेंट कर उनसे विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की थी।
#Delhi: PM Narendra Modi & President of Iran Hassan Rouhani issue joint postal stamp. pic.twitter.com/Q4RSmcF6tF
— ANI (@ANI) February 17, 2018