कर्नाटक के 33 वर्षीय तेज गेंदबाज श्रीनाथ अरविंद ने प्रथम श्रेणी क्रिकेट से संन्यास लेने की घोषणा कर दी है। अरविंद ने यह फैसला राज्य के विजय हजारे ट्रॉफी एकदिवसीय टूर्नामेंट का चैम्पियन बनने के बाद लिया। अरविंद ने कहा, “मैंने घरेलू क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास लेने का फैसला किया है। मैं जीत के साथ करियर को खत्म करना चाहता था और विजय हजारे के फाइनल में जीत से बेहतर कुछ और नहीं हो सकता था।” 27 फरवरी को खेले गए फाइनल में कर्नाटक ने सौराष्ट्र को 41 रन से शिकस्त दी। अरविंद ने 2015 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ एक टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच में भी देश का प्रतिनिधित्व किया था। इस मैच में उन्होंने 44 रन देकर एक विकेट लिया था।
तेज गेंदबाज श्रीनाथ अरविंद के क्रिकेट करियर की अगर बात करें तो उन्होंने 10 में 56 प्रथम श्रेणी मैच में 186 विकेट झटके, जिसमें दो बार पारी में 5 विकेट भी शामिल हैं। वहीं, धीमी पिचों पर वह अक्सर बाएं हाथ से स्पिन गेंदबाजी भी करते थे। उन्होंने 84 टी20 मैचों में 103 विकेट लिए। उन्होंने आईपीएल के कुछ सत्रों में रॉयल चैलेंजर बेंगलुरु के लिए भी खेला है।
अरविंद ने कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ (केएससीए) का शुक्रिया अदा करते हुए कहा, “मैं किसी प्रतिभावान खिलाड़ी के रास्ते का रोड़ा नहीं बनना चाहता हूं। मुझे लगा कि यह संन्यास लेने का सही समय है। मैंने इस फैसले के बारे में टीम के खिलाड़ियों को कल रात ही बता दिया था। राज्य का प्रतिनिधित्व का मौका देने के लिए मैं केएससीए का शुक्रगुजार हूं। मैं अपने अभिभावकों और भगवान का भी आभारी हूं।” अरविंद ने कहा कि टीम में प्रसिद्ध कृष्णा और टी प्रदीप जैसे काबिल तेज गेंदबाजों के आने के बाद उन्होंने करियर के शीर्ष पर संन्यास लेने का फैसला किया।
अरविंद से जब पूछा गया कि क्या भारतीय टीम और आईपीएल में नजरअंदाज किए जाने से उन्होंने ऐसा फैसला लिया तो उन्होंने कहा, “नहीं, मैं ऐसा नहीं सोचता, यह बहुत निजी फैसला है।” अरविंद ने आर विनय कुमार और अभिमन्यु मिथुन के साथ मिलकर सबसे खतरनाक तेज गेंदबाजों की तिकड़ी बनायी। उनके टीम में रहते हुए कर्नाटक ने सभी राष्ट्रीय टूर्नामेंट अपने नाम किए, जिनमें रणजी ट्रॉफी, ईरानी कप, विजय हजारे ट्रॉफी और सैयद मुश्ताक अली टी20 चैम्पियनशिप शामिल है।