दिल्ली के जंतर मंतर (Delhi Jantar Mantar) पर बृजभूषण शरणसिंह (BrijBhushan Sharan Singh) के खिलाफ धरने पर बैठी महिला पलवानों (Female Wrestler) को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से झटका मिला है। कोर्ट ने इस मामले की आगे सुनवाई करने से इंकार कर दिया है। कोर्ट ने तीन याचिकाकार्ताओं की मामले की जांच रिटार्यड जज से कराने की मांग को खारिज कर दिया है और कहा है कि कोर्ट अब इस मामले पर आगे कोई सुनवाई नहीं करेगा।
लीगल मुद्दों की वेबसाइट बार और बेंच ने जानकारी दी है कि मुख्यन्यायाधीश डी-वाई चंद्रचूड़ ने इस मामले पर बोलते हुए कहा कि हम इस मामले को अपने संज्ञान में लेकर अब इस पर सुनवाई को रोक रहे हैं। हमारा काम एफआईआर दर्ज कराने तक था जो अब हो गई है। अब अगर याचिकाकार्ता इस मामले में किसी अन्य राहत की तरफ देख रहे हैं तो वो इसे लेकर निचली अदालतों जैसे जिला अदालत और हाईकोर्ट में जा सकते हैं।
चीफ जस्टिस ने अपने आदेश में कहा कि तीनों याचिकाकर्ताओं की याचिका उनके पास आई थी जो कह रहे हैं कि उन्होंने अंतराष्ट्रीय कुश्ती प्रतियोगिताओं में भारत की तरफ से हिस्सा लिया है और इस मामले में कोर्ट ने सरकार को नोटिस जारी किया था और एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया था। जिसपर कोर्ट के आदेशानुसार एफआईआर को दर्ज कर लिया गया है। इसलिए अब सरकार की तरफ से सॉलिसिटर जनरल ने कोर्ट को बताया है कि याचिका का मूल मकसद अब एफआईआर के जरिए पूरा कर लिया गया है।
दिल्ली पुलिस ने कोर्ट को बताया कि जंतर-मंतर पर धरने पर बैठे पहलवानों की सुरक्षा के जरुरी इंतजाम कर लिए गए हैं, साथ ही शिकायतकर्ता नाबालिग पहलवान को भी सुरक्षा दे दी गई है। इन सभी दलीलों को सुनने के बाद कोर्ट ने मामले की सुनवाई को बंद कर दिया है।
वहीं दिल्ली पुलिस ने देर रात पहलवानों के साथ पुलिस की झड़प के बाद दिल्ली के सभी जिलों में अलर्ट जारी कर दिया है। पुलिस ने विशेषकर दिल्ली के सीमांत जिलों को हाईअलर्ट पर रखा है। ताकि दिल्ली के बाहर के आंदोलनकारी राजधानी में प्रवेश न कर पाएं। पुलिस के अनुसार जंतर-मंतर पर पहलवानों के समर्थन में अधिक भीड़ न जुटे इसलिए ऐसा किया जा रहा है।
बुधवार रात को पहलवान अपने सोने का इंतजाम कर रहे थे क्योंकि वो गिली सड़क पर नहीं सो सकते थे इसलिए उन्होनें अपने लिए लकड़ी के फोल्डिंग का इंतजाम किया था। लेकिन पुलिस ने रात को 11 बजे भी उन्हें अंदर नहीं जाने दिया जिसपर पुलिस और पहलवानों में तकरार हो गया। महिला पहलवानों का आरोप है कि एक पुलिसकर्मी ने नशे की हालत में उनसे बदसलूकी की है और वे उन्हें गालियां भी दे रहे थे लेकिन महिला पुलिसकर्मी इस दौरान वहां आराम से बैठी रही।
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इस घटना में दो पहलवानों को चोट भी आई है। इस घटना के बाद पुलिस ने पहलवानों की तरफ जाने वाले जंतर-मंतर के दोनों रास्तों को बंद कर दिया था। वहां उनसे मिलने आने वाले नेता जैसे दिपेंद्र हुड्डा और दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्षा को रोका गया। साथ ही मीडिया को भी धारा 144 का बहाना बनाकर पहलवानों के करीब नहीं जाने दिया गया।
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