नाबालिग रेप मामले में जोधपुर कोर्ट ने धर्मगुरु आसाराम को उम्र कैद की सजा सुनाई है। वही अन्य दोषी शिल्पी और शरदचंद्र को 20-20 साल की सजा सुनाई गई। इसके अलावा शिवा और प्रकाश को कोर्ट ने बरी कर दिया था। दोषी करार दिए जाने के बाद दोनों पक्षों के बीच अदालत में लंबे समय तक सजा पर बहस हुई,। जिसमें आसाराम के वकील ने जज से उनके मुवक्किल को कम से कम सजा दिए जाने की मांग की थी। आसाराम जोधपुर सेंट्रल जेल में बीते चार साल से अधिक समय से जेल में बंद हैं।
आपको बता दे कि ये सुनवाई जोधपुर सेंट्रल जेल में ही हुई है। जेल में लगी अदालत में आसाराम अपने तय समय से 15 मिनट की देरी से पहुंचे थे। कोर्टरूम में पहुंचने के कुछ मिनट बाद जज ने आसाराम को दोषी करार दे दिया। आसाराम के यहां पहुंचने से पहले ही केस पर सुनवाई चल रही थी।
आसाराम को भारतीय दंड संहिता की धारा 376 और यौन अपराध बाल संरक्षण अधिनियम (पोस्को) के तहत दोषी ठहराया गया। वह यौन उत्पीड़न के दो मामलों में मुकदमे का सामना कर रहे हैं। एक मुकदमा यहां राजस्थान में चल रहा है, जबकि दूसरा गुजरात में चल रहा है। आसाराम को दोषी करार दिए जाने के बाद पीड़िता के पिता ने कहा कि अदालत से हमें इंसाफ मिला। आसाराम को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए।