हाल ही में एक ऐसा मामला सामने आया है, जहां पर आइसक्रीम के ऑर्डर देने पर स्विग्गी को पांच हज़ार का जुर्माना देना पड़ा। यह फैसला कोर्ट ने स्विग्गी के खिलाफ सुनाया। कंपनी को कोर्ट ने आदेश दिया कि वह एक कस्टमर को मुआवज़ा दे, जिसकी 187 वाली नटी डेथ बाय चॉकलेट आइस क्रीम ऑर्डर डिलीवरी करने में कंपनी नाकामयाब रही थी। यह जानकारी बार और बेंच नाम की वेबसाइट में द्वारा दी गई है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि सिर्फ 187 वाली आइसक्रीम स्विग्गी को इतनी महंगी पड़ गई। ये मामला बेंगलुरु के एक कंज्यूमर कोर्ट का है।
गलत तरीके से डिलीवर-
बेंगलुरु के एक कंज्यूमर कोर्ट ने स्विग्गी को ग्राहक को 5,000 मुआवजा देने का आदेश दिया। दरअसल एक महिला ने स्विग्गी से नटी डेथ बाय चॉकलेट आइस क्रीम मंगवाई थी। डिलीवरी वाला आदमी आइसक्रीम की दुकान से आइसक्रीम तो ले गया। लेकिन वह कभी महिला तक पहुंचा ही नहीं। इसके बावजूद स्विग्गी एप पर आर्डर को गलत तरीके से डिलीवर दिखा दिया गया।
कस्टमर केयर से पैसे वापस मांगे-
महिला ने जब स्विग्गी के कस्टमर केयर से पैसे वापस मांगे, तो कोई फायदा नहीं हुआ। इससे परेशान होकर महिला ने उपभोक्ता के अधिकार के लिए अलग-अलग दरवाजा खटखटाया। अदालत ने कंपनी को सही सर्विस नहीं देने और गलत तरीका अपनाने के लिए स्विग्गी को अदालत में 3000 रुपए का मुआवजा महिला को देने के लिए कहा और 2000 उसके वकील के खर्च के लिए।
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कस्टमर और रेस्टोरेंट के बीच का रास्ता-
हालांकि स्विगी ने बचने की कोशिश की और कहा कि हम कस्टमर और रेस्टोरेंट के बीच का रास्ता हैं। उन्होंने यह भी कहा की डिलीवरी वाले की गलती के लिए उन्हें जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता। इसके अलावा स्विग्गी का कहना है कि उन्हें सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के तहत सुरक्षा मिली हुई है। उनके मुताबिक ऐप पर एक बार डिलीवर हो जाए, तो वह यह जांच नहीं कर सकते कि असल में डिलीवरी हुई भी थी या नहीं। लेकिन कोर्ट ने कुछ भी मानने से इनकार कर दिया। अदालत के मुताबिक ग्राहक को पैसे वापस न करना, जबकि आइसक्रीम पहुंची ही नहीं है। साफ तौर पर खराब सर्विस और उसके अंतर्गत देने के आदेश दिया।
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