कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) पर एक बार फिर बड़ा हमला बोला है। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने झाबुआ में कहा, ”जितने भी हिंदू धर्म वाले आतंकवादी पकड़े गये हैं। सब संघ के कार्यकर्ता रहे हैं। महात्मा गांधी की हत्या करने वाला शख्स नाथूराम गोडसे भी आरएसएस से जुड़ा रहा है। यह विचारधारा नफरत फैलती है, नफरत हिंसा की ओर ले जाती है, जो आतंकवाद की ओर ले जाती है।”
उन्होंने महात्मा गांधी की हत्या से आरएसएस के कथित संबंधों पर कहा कि 12 जुलाई 1949 को आरएसएस पर से प्रतिबंध हटा दिया गया था। तब कांग्रेस के जवाहर लाल नेहरू का मानना था कि आरएसएस का गांधी की हत्या से कोई संबंध नहीं है।
दिग्विजय के बयान को कांग्रेस नेता और पूर्व मंत्री सलमान खुर्शीद ने सही ठहराया है तो वहीं गृह मंत्रालय के पूर्व अवर सचिव आरवीएस मणि ने सिंह पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्होंने हिंदू आतंकवाद की झूठी कहानी गढ़ी थी और जिससे असली आतंकी बचने में सफल हो गए।
मणि ने कहा, ”मैंने पहले भी कहा है कि साल 2010 तक हिंदू आतंकवाद को लेकर उन्हें कोई आधिकारिक जानकारी नहीं थी। मैंने एक किताब लिखी है, जिसमें मैंने साफ किया है कि किस तरह दिग्विजय सिंह ने हिंदू आतंकवाद की नींव रखी और इसे फैलाया।”
पिछले दिनों दिग्विजय सिंह ने ‘हिंदू आतंकवाद’ पर दिये गये कथित बयानों पर सफाई दी थी। उन्होंने कहा था, ”आपके पास गलत सूचना है कि दिग्विजय सिंह ने हिंदू आतंकवाद की बात कही है। मैंने हमेशा संघी आतंकवाद की बात की है।” कांग्रेस की समन्वय समिति के अध्यक्ष दिग्विजय सिंह ने कहा था कि लोग मुझपर आरोप लगाते हैं कि मैं मुस्लिम परस्त हूं, हिन्दू विरोधी हूं। मैं पूछना चाहता हूं की एक बीजेपी नेता ऐसा बता दे जिसने नर्मदा, ओंकारेश्वर और गोवर्धन परिक्रमा की हो या एकादशी का व्रत रखा हो। बीजेपी धर्म की राजनीति करती है। धर्म के नाम पर पैसा बटोरना और नफरत फैलाना ही काम है।
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