इमरजेंसी की 43वीं बरसी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज ट्वीट करते हुए इसे एक काला अध्याय बताया है। पीएम मोदी ने कहा है कि जिन लोगों ने इमरजेंसी का विरोध किया था, मैं उन सभी को सलाम करता हूं। पीएम मोदी आज मुंबई में बीजेपी के एक कार्यक्रम में 1975 में आपातकाल के खिलाफ लड़ने वाले लोगों से भी मिलेंगे।
India remembers the Emergency as a dark period during which every institution was subverted and an atmosphere of fear was created. Not only people but also ideas and artistic freedom were held hostage to power politics.
इमरजेंसी की 43वीं बरसी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज ट्वीट करते हुए इसे एक काला अध्याय बताया है। पीएम मोदी ने कहा है कि जिन लोगों ने इमरजेंसी का विरोध किया था, मैं उन सभी को सलाम करता हूं। पीएम मोदी आज मुंबई में बीजेपी के एक कार्यक्रम में 1975 में आपातकाल के खिलाफ लड़ने वाले लोगों से भी मिलेंगे।26 जून 1975 की सुबह तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने रेडियो पर आपातकाल की घोषणा की। इंदिरा के इस ऐलान से पूरा देश चौकन्ना रह गया था। आपातकाल को 43 साल हो गए हैं इसे भारतीय लोकतंत्र के काले दिनों में से एक बताया जाता है। 25 जून 1975 की आधी रात को आपातकाल की घोषणा की गई, जो 21 मार्च 1977 तक लगी रही।देश से इमरजेंसी हटाए जाने के बाद पूर्व प्रधानमंत्री इंदिया गांधी ने एक अमेरिकी लेखक को इंटरव्यू देते हुए कहा कि इमरजेंसी के दौरान देश में विदेशी मुद्रा भंडार में बड़ा इजाफा हुआ, सरकारी कंपनियों की भूमिका खत्म होने की शुरुआत हुई, औद्योगिक उत्पादन में बड़ा इजाफा दर्ज हुआ, महंगाई पर लगाम लगी और देश में व्याप्त भ्रष्टाचार पर लगाम लगी।पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 25 जून 1975 को पूरे देश में इंटरनल इमरजेंसी का ऐलान किया। इस फैसले के पीछे इंदिरा गांधी ने बतौर प्रधानमंत्री कुछ दलीलें देश के सामने रखी। इसके बावजूद इतिहास के पन्नों में इस फैसले को काले अक्षरों में दर्ज करने की कवायद हुई हालांकि इतिहासकार यह भी दावा करते हैं कि इस एक फैसले से इंदिरा की सख्त फैसला लेने की छवि देश के सामने आई और राजनीतिक विरोधियों ने उनकी तुलना जर्मनी के पूर्व तानाशाह हिटलर तक से की।आपातकाल के 43 साल बाद भी कांग्रेस का यह दाग धुला नहीं है। विपक्ष आज भी इंदिरा गांधी के उस फैसले को मुद्दा बना रहा है। सत्ताधारी बीजेपी आपातकाल की घोषणा वाले उस दिन को काला दिवस के रूप में मना रही है। स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आपातकाल के उस दौर को ‘डार्क पीरियड’ बताया है। पीएम मोदी ने आज सुबह ट्वीट कर 1975 के उस वक्त की आलोचना की।
— Narendra Modi (@narendramodi) June 26, 2018