सुप्रीम कोर्ट से दिल्ली के उप-राज्यपाल (LG) के अधिकारों में कटौती होने के बाद आज यानी शुक्रवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल एलजी अनिल बैजल से मुलाकात करेंगे। इस बीच, अधिकारियों के तबादला-तैनाती को लेकर एक बार फिर केजरीवाल सरकार और नोकशाहों के रिश्तो के तनाव की स्थिति पैदा हौ गई है। हाल में ही केजरीवाल और मनीष सिसोदिया एलजी से मिलने पहुंचे थे, लेकिन मुलाकात न होने पर आप नेता एलजी के घर पर धरने पर बैठ गए थे।
दिल्ली सरकार के आदेश का पालन न करने वाले अधिकारियों के खिलाफ अवमानना याचिका दायर करने सहित अन्य कानूनी विकल्पों पर विचार कर रही है। सीएम केजरीवाल के अलावा उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया भी आज एलजी बैजल से मिलकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर चर्चा करेंगे। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सीएम और एलजी के बीच यह पहली मुलाकात होगी।
उपराज्यपाल की सहमती के बिना भी फैसले ले सकती है दिल्ली सरकार- सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट से दिल्ली के उप-राज्यपाल (LG) के अधिकारों में कटौती होने के बाद आज यानी शुक्रवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल एलजी अनिल बैजल से मुलाकात करेंगे। इस बीच, अधिकारियों के तबादला-तैनाती को लेकर एक बार फिर केजरीवाल सरकार और नोकशाहों के रिश्तो के तनाव की स्थिति पैदा हौ गई है। हाल में ही केजरीवाल और मनीष सिसोदिया एलजी से मिलने पहुंचे थे, लेकिन मुलाकात न होने पर आप नेता एलजी के घर पर धरने पर बैठ गए थे।दिल्ली सरकार के आदेश का पालन न करने वाले अधिकारियों के खिलाफ अवमानना याचिका दायर करने सहित अन्य कानूनी विकल्पों पर विचार कर रही है। सीएम केजरीवाल के अलावा उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया भी आज एलजी बैजल से मिलकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर चर्चा करेंगे। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सीएम और एलजी के बीच यह पहली मुलाकात होगी।केजरीवाल ने ट्वीट किया, ‘‘सभी अधिकारियों को सुप्रीम कोर्ट के आदेश का सम्मान और पालन करना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के खुले उल्लंघन से गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं। यह किसी के हित में नहीं होगा।’’वहीं, सिसोदिया ने ट्वीट किया, ‘‘ सेवा विभाग के सचिव को एक बार फिर निर्देश दिया है कि कल के निर्देश के मुताबिक आदेश जारी करें। अधिकारियों को सूचित किया गया कि आदेश नहीं मानने पर सुप्रीम कोर्ट की अवमानना हो सकती है और अधिकारी को अनुशासनिक कार्यवाही का सामना करना पड़ सकता है।’’केजरीवाल ने पत्र में लिखा है, ‘‘ सेवा से जुड़ी कार्यकारी शक्तियां मंत्रिपरिषद के पास हैं। यह साफ है कि केंद्र सरकार-एलजी को केवल तीन विषयों पर कार्यकारी शक्तियां प्राप्त हैं। बाकी सभी विषयों पर कार्यकारी शक्तियां मंत्रिपरिषद के पास हैं। सुप्रीम कोर्ट के इतने स्पष्ट आदेश के बाद गृह मंत्रालय की अधिसूचना निष्प्रभावी हो गई है। सुप्रीम कोर्ट का फैसला सुनाए जाने के क्षण से ही प्रभावी हो गया है। दिल्ली के विकास के लिए , लोक कल्याणकारी योजनाएं लागू करने के लिए और सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर अमल के लिए हम आपका (एलजी का) समर्थन चाहते हैं। हम उक्त आधार पर दिल्ली सरकार के सभी पदाधिकारियों को कल आदेश जारी करने की योजना बना रहे हैं। यदि किसी उपरोक्त मुद्दे पर आपके विचार विपरीत हैं तो कृपया हमें बताएं। यदि आप चाहेंगे तो मैं खुद और मेरे कैबिनेट सहकर्मी चर्चा के लिए आपके पास आ सकते हैं।’’बता दें कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की तरफ से ट्रांसफर का आदेश देने के बाद सर्विसेज विभाग ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश में कहीं भी अगस्त 2016 के उस नोटिफिकेशन को रद्द नहीं किया गया है, जिसमें ट्रांसफर पोस्टिंग का अधिकार उपराज्यपाल, मुख्य सचिव या सचिवों को दिया था। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि अधिकारियों के ट्रांसफर अब मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री की इजाजत से होंगे।
केजरीवाल ने ट्वीट किया, ‘‘सभी अधिकारियों को सुप्रीम कोर्ट के आदेश का सम्मान और पालन करना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के खुले उल्लंघन से गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं। यह किसी के हित में नहीं होगा।’’
All officers shud respect and obey SC order. Open defiance of SC order shall invite serious consequences. It will be in noone’s interest https://t.co/RhMkPS6O0d
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) July 5, 2018
वहीं, सिसोदिया ने ट्वीट किया, ‘‘ सेवा विभाग के सचिव को एक बार फिर निर्देश दिया है कि कल के निर्देश के मुताबिक आदेश जारी करें। अधिकारियों को सूचित किया गया कि आदेश नहीं मानने पर सुप्रीम कोर्ट की अवमानना हो सकती है और अधिकारी को अनुशासनिक कार्यवाही का सामना करना पड़ सकता है।’’
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