शंभूनाथ शुक्ल
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं)
अटल बिहारी वाजपेयी जैसा बनना आसान नहीं है। वे आरएसएस के प्रचारक रहे। उनकी विचारधारा घोर दक्षिणपंथी थी, लेकिन उनका ह्रदय उतना ही उदार था। शायद इसलिए भी कि वे कविमना थे, वे एक पत्रकार भी थे। उनकी कलम और वाणी दोनों में यह उदारता झलकती थी। उनके निधन पर कश्मीर की दोनों ही पार्टियों के नेताओं ने शोक जताया है। फारुख अब्दुल्ला और महबूबा मुफ़्ती ने। वामपंथी नेता हों या मध्यमार्गी सब उनके जाने से दुखी हुए। राहुल गाँधी ने उन्हें देश का लाड़ला सपूत बताया तो मुलायम सिंह रो पड़े। मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि संसद में उनका भाषण सुनकर तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने उन्हें प्रधानमंत्री बनने का आशीर्वाद दिया था। प्रधानमंत्री पद पर रहते हुए भी वे कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी से मिलने उनके आवास पर गए।
इस राजनेता ने जब किसी की तारीफ़ की तो पार्टी लाइन से आगे जाकर की। राजीव गाँधी के निधन पर अटल बिहारी बाजपेयी ने यह राज़ खोला कि प्रधानमंत्री राजीव गाँधी ने उन्हें इलाज़ के लिए अमेरिका भिजवाया, जबकि वे विरोध पक्ष में थे। ऐसे खुलासे के लिए बड़ा दिल चाहिए। इंदिरा गाँधी को उन्होंने देवी दुर्गा कहा था। यही कारण है कि यूपीए के प्रधानमंत्री कांग्रेस के वरिष्ठ नेता श्री मनमोहन सिंह इस विरोधी किन्तु अजातशत्रु नेता से मिलने नियमित उनके घर जाते रहे। काश! ऐसे उज्ज्वल चरित्र वाले नेता ही नेतृत्त्व करते तो देश का भविष्य उज्ज्वल रहता। आप हमारी स्मृतियों में बने रहेंगे ‘कामरेड’ अटल जी!
पुनश्च- कृपया उत्तेजित नहीं हों, कामरेड का मतलब प्रिय साथी होता है।
पुनश्च- कृपया उत्तेजित नहीं हों, कामरेड का मतलब प्रिय साथी होता है।
शंभूनाथ शुक्ल(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं)अटल बिहारी वाजपेयी जैसा बनना आसान नहीं है। वे आरएसएस के प्रचारक रहे। उनकी विचारधारा घोर दक्षिणपंथी थी, लेकिन उनका ह्रदय उतना ही उदार था। शायद इसलिए भी कि वे कविमना थे, वे एक पत्रकार भी थे। उनकी कलम और वाणी दोनों में यह उदारता झलकती थी। उनके निधन पर कश्मीर की दोनों ही पार्टियों के नेताओं ने शोक जताया है। फारुख अब्दुल्ला और महबूबा मुफ़्ती ने। वामपंथी नेता हों या मध्यमार्गी सब उनके जाने से दुखी हुए। राहुल गाँधी ने उन्हें देश का लाड़ला सपूत बताया तो मुलायम सिंह रो पड़े। मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि संसद में उनका भाषण सुनकर तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने उन्हें प्रधानमंत्री बनने का आशीर्वाद दिया था। प्रधानमंत्री पद पर रहते हुए भी वे कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी से मिलने उनके आवास पर गए।
इस राजनेता ने जब किसी की तारीफ़ की तो पार्टी लाइन से आगे जाकर की। राजीव गाँधी के निधन पर अटल बिहारी बाजपेयी ने यह राज़ खोला कि प्रधानमंत्री राजीव गाँधी ने उन्हें इलाज़ के लिए अमेरिका भिजवाया, जबकि वे विरोध पक्ष में थे। ऐसे खुलासे के लिए बड़ा दिल चाहिए। इंदिरा गाँधी को उन्होंने देवी दुर्गा कहा था। यही कारण है कि यूपीए के प्रधानमंत्री कांग्रेस के वरिष्ठ नेता श्री मनमोहन सिंह इस विरोधी किन्तु अजातशत्रु नेता से मिलने नियमित उनके घर जाते रहे। काश! ऐसे उज्ज्वल चरित्र वाले नेता ही नेतृत्त्व करते तो देश का भविष्य उज्ज्वल रहता। आप हमारी स्मृतियों में बने रहेंगे ‘कामरेड’ अटल जी!
पुनश्च- कृपया उत्तेजित नहीं हों, कामरेड का मतलब प्रिय साथी होता है।
“ये लेखक के निजी विचार हैं। इस आलेख में सभी सूचनाएं लेखक द्वारा दी गई हैं, जिन्हें ज्यों की त्यों प्रस्तुत किया गया हैं। इस आलेख में दी गई किसी भी सूचना की सटीकता, संपूर्णता, व्यावहारिकता अथवा सच्चाई के प्रति दस्तक इंडिया उत्तरदायी नहीं है।”