अपने रिक्शा पर या आईसक्रीम वाले के पास भोपू जरुर देखा होग लेकिन आपने साइकल पर कभी भोपू लगा नहीं देखा होगा। साइकल पर अबतक और अभी भी घंटी लगी होती है। भापू का प्रचलन साइकल पर अबतक नहीं था। लेकिन अब भोपू का प्रचलन आ रहा है। इसे नया प्रचलन ही माना जाएगा। क्योंकी ये अगर रिक्शे या आईसक्रीम के ठेले पर लौट कर आता तो इसे किसी दौर का लौटना माना जाता। लेकिन साइकल पर इसका आना एक नया अवतार ही माना जाएगा। शौकिन लोग साइकल पर इसे लगाएंगे और इसका आनंद उठाएंगे।
भारत में तेजी से बढ रही है ऑनलाइन वीडियो देखने वालों की संख्या- गूगल
अपने रिक्शा पर या आईसक्रीम वाले के पास भोपू जरुर देखा होग लेकिन आपने साइकल पर कभी भोपू लगा नहीं देखा होगा। साइकल पर अबतक और अभी भी घंटी लगी होती है। भापू का प्रचलन साइकल पर अबतक नहीं था। लेकिन अब भोपू का प्रचलन आ रहा है। इसे नया प्रचलन ही माना जाएगा। क्योंकी ये अगर रिक्शे या आईसक्रीम के ठेले पर लौट कर आता तो इसे किसी दौर का लौटना माना जाता। लेकिन साइकल पर इसका आना एक नया अवतार ही माना जाएगा। शौकिन लोग साइकल पर इसे लगाएंगे और इसका आनंद उठाएंगे।नए दौर के भोपू की शुरुआत साइकल बनाने वाली मश्हूर कंपनी डेक्थलोन ने की है। इनकी बाजार में बिटवीन के नाम से साइकल आती हैं। इन्होंने अपने आउटलेट में पारंपरिक घण्टी के अलावा भोपू का भी विकल्प रखा है। ये भोपू सिर्फ बड़ी साइकल लिए नहीं बच्चों की साइकल के लिए भी मौजूद है।हमारे यूट्यूब चैनल दस्तक इंडिया ने नए दौर के इस भोपू पर वीडियो बनाई है और उसपर लोगों की प्रतिक्रिया लेने की कोशिश की है। हमने ये वीडियो नीचे लगाई है-
नए दौर के भोपू की शुरुआत साइकल बनाने वाली मश्हूर कंपनी डेक्थलोन ने की है। इनकी बाजार में बिटवीन के नाम से साइकल आती हैं। इन्होंने अपने आउटलेट में पारंपरिक घण्टी के अलावा भोपू का भी विकल्प रखा है। ये भोपू सिर्फ बड़ी साइकल लिए नहीं बच्चों की साइकल के लिए भी मौजूद है।
हमारे यूट्यूब चैनल दस्तक इंडिया ने नए दौर के इस भोपू पर वीडियो बनाई है और उसपर लोगों की प्रतिक्रिया लेने की कोशिश की है। हमने ये वीडियो नीचे लगाई है-