एक तरह जहां आरएसएस( राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ) अपनी छवी सुधारने के लिए दिल्ली में सम्मेलन कर रहा है। वहीं आरएसएस के पश्चिम बंगाल के सचिव जिष्णु बसु ने एक विवादित बयान दिया है। बसु ने कहा कि है अगर “बंगाली हिंदुओं को पश्चिम बंगाल से खत्म होने से बचाना है तो उसके लिए एनआरसी(नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन) ही एकमात्र विकल्प है, इन हिंदुओं ने यहां कई अत्याचारों का सामना किया है।” उन्होंने कहा नागरिकता संशोधन विधेयक इस कार्य में सहायक होगा।
NRC is the only option to save Bengali Hindus from annihilation from West Bengal. Bangladeshi Hindus who have faced several atrocities are coming here & Citizenship Amendment Bill would be helpful for them: RSS West Bengal secretary Jishnu Basu pic.twitter.com/ShRzid1Dt3
एक तरह जहां आरएसएस( राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ) अपनी छवी सुधारने के लिए दिल्ली में सम्मेलन कर रहा है। वहीं आरएसएस के पश्चिम बंगाल के सचिव जिष्णु बसु ने एक विवादित बयान दिया है। बसु ने कहा कि है अगर “बंगाली हिंदुओं को पश्चिम बंगाल से खत्म होने से बचाना है तो उसके लिए एनआरसी(नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन) ही एकमात्र विकल्प है, इन हिंदुओं ने यहां कई अत्याचारों का सामना किया है।” उन्होंने कहा नागरिकता संशोधन विधेयक इस कार्य में सहायक होगा।बसु ने कहा कि दूसरी ओर, बांग्लादेशी मुसलामानों को पश्चिम बंगाल में आने की इजाजत देने से कई जिलों में हिंदू अल्पसंख्यक बन रहे हैं। अगर हमारे पास एनआरसी नहीं है, तो हम घुसपैठियों की इस संख्या का आकलन करने में सक्षम नहीं होंगे।बासु के अनुसार पश्चिम बंगाल के सीमावर्ती जिले सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्र हैं। हम एनआरसी और नागरिकता संशोधन विधेयक के बारे में प्रचार और जानकारी देने के लिए लोगों के छोटे समूह बना रहे हैं। आरएसएस के समाजिक संगठन है और हम केवल लोगों को तथ्यों के बारे में जागरुक कर सकते हैं। योजना बनाना और उसका पालन करना सरकार का काम है।मतलब साफ है, बंगाल में आरएसएस हिंदुओं की चिंता जता उनका हितैशी बनने की ओर निकल पडा है। अब देखना होगा राजनैतिक दलों की इसपर क्या प्रतिक्रिया आती है।
— ANI (@ANI) September 18, 2018
बसु ने कहा कि दूसरी ओर, बांग्लादेशी मुसलामानों को पश्चिम बंगाल में आने की इजाजत देने से कई जिलों में हिंदू अल्पसंख्यक बन रहे हैं। अगर हमारे पास एनआरसी नहीं है, तो हम घुसपैठियों की इस संख्या का आकलन करने में सक्षम नहीं होंगे।
On the other hand, if we allow Bangladeshi Muslims to come to West Bengal, then in several districts Hindus are becoming minority. If we don't have NRC, we will not be able to assess the no. of infiltrators: RSS West Bengal secretary Jishnu Basu
— ANI (@ANI) September 18, 2018
बासु के अनुसार पश्चिम बंगाल के सीमावर्ती जिले सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्र हैं। हम एनआरसी और नागरिकता संशोधन विधेयक के बारे में प्रचार और जानकारी देने के लिए लोगों के छोटे समूह बना रहे हैं। आरएसएस के समाजिक संगठन है और हम केवल लोगों को तथ्यों के बारे में जागरुक कर सकते हैं। योजना बनाना और उसका पालन करना सरकार का काम है।
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Bordering districts in West Bengal are most affected areas. We are trying to make small groups to help propagate facts about NRC and Citizenship Amendment Bill. We are a social organisation, we can only make people aware of facts: RSS West Bengal secy Jishnu Basu pic.twitter.com/lWYTZITEcG
— ANI (@ANI) September 18, 2018