ट्रिपल तलाक को लेकर मोदी सरकार ने एक बहुत बड़ा फैसला उठाया है। केंद्रीय कैबिनेट ने तीन तलाक को गैर कानूनी बनाने के लिए एक अध्यादेश को मंजूरी दे दी है। इसके बाद यह अध्यादेश राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के पास जाएगा और उनकी मंजूरी के बाद यह कानून बन जाएगा। केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने इस बारे में जानकारी दी। यह अध्यादेश अगले 6 महीने तक कानून के रूप में लागू रहेगा। केंद्र सरकार को फिर से संसद के भीतर तीन तलाक बिल को मंजूरी करवाने के लिए लाना होगा।
बंगाली हिंदुओं को खत्म होने से बचाना है तो एनआरसी ही एकमात्र विकल्प – बंगाल आरएसएस सचिव
ट्रिपल तलाक को लेकर मोदी सरकार ने एक बहुत बड़ा फैसला उठाया है। केंद्रीय कैबिनेट ने तीन तलाक को गैर कानूनी बनाने के लिए एक अध्यादेश को मंजूरी दे दी है। इसके बाद यह अध्यादेश राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के पास जाएगा और उनकी मंजूरी के बाद यह कानून बन जाएगा। केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने इस बारे में जानकारी दी। यह अध्यादेश अगले 6 महीने तक कानून के रूप में लागू रहेगा। केंद्र सरकार को फिर से संसद के भीतर तीन तलाक बिल को मंजूरी करवाने के लिए लाना होगा।बता दें कि लोकसभा में पारित होने के बाद ट्रिपल तलाक बिल राज्यसभा में सरकार के पास जरुरी वोट संख्या ना होने के कारण पास नही हो पाया है। इस कदम का मुस्लिम महिलाओं के हक के लिए लड़ने वाले और तीन तलाक के खिलाफ आवाज उठाने वाले संगठनों ने स्वागत किया है। वहीं सुप्रीम कोर्ट अध्यादेश को कानून के बराबर ना मानकर इसे संविधान के खिलाफ बेइमानी बता चुके हैं।विधेयक में कुछ संशोधन भी किए गए हैं जिसके अनुसार तत्काल तीन तलाक के मामले में जमानत देने का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा समझौते होने की संभावने के लिए रास्ता आसान कर दिया है। यही नहीं, तत्काल तीन तलाक देने वालों के लिए तीन साल तक की सजा का प्रावधान भी रखा है। इसके अलावा शिकायत करने का अधिकार पत्नी या उसके रक्त-संबंधी तक सीमित कर दिया गया है।