देश में बच्चे गोद देने वाली एजेंसी ने लिव-इन में रहने वाले जोड़ो को एक तोहफा दिया है। एजेंसी ने इस वर्ष के शुरू में जारी किए गए अपने सर्कुलर को वापस लेने का फैसला लिया है। अब एक बार फिर से लिव इन में रहने वाले लोग भारत में बच्चे गोद ले सकेंगे।
31 मई को जारी किए गए एक सर्कुलर में बच्चे गोद लेने नियम में बदलाव किये थे और लिव इन में रहने वाले लोगो को बच्चे गोद लेने से प्रतिबंधित कर दिया था। शर्त यह रख दी कि “बच्चों को केवल एक स्थिर परिवार और लोगो के साथ ही रखा जाना चाहिए”। लिव इन में रहने वाले लोग एक स्थिर परिवार नहीं दे सकते।
31 मई को जारी किए गए एक सर्कुलर में बच्चे गोद लेने नियम में बदलाव किये थे और लिव इन में रहने वाले लोगो को बच्चे गोद लेने से प्रतिबंधित कर दिया था। शर्त यह रख दी कि “बच्चों को केवल एक स्थिर परिवार और लोगो के साथ ही रखा जाना चाहिए”। लिव इन में रहने वाले लोग एक स्थिर परिवार नहीं दे सकते।
विराट ने फिल्म ‘ट्रेलर द मूवी’ में किया डेब्यू
देश में बच्चे गोद देने वाली एजेंसी ने लिव-इन में रहने वाले जोड़ो को एक तोहफा दिया है। एजेंसी ने इस वर्ष के शुरू में जारी किए गए अपने सर्कुलर को वापस लेने का फैसला लिया है। अब एक बार फिर से लिव इन में रहने वाले लोग भारत में बच्चे गोद ले सकेंगे।
31 मई को जारी किए गए एक सर्कुलर में बच्चे गोद लेने नियम में बदलाव किये थे और लिव इन में रहने वाले लोगो को बच्चे गोद लेने से प्रतिबंधित कर दिया था। शर्त यह रख दी कि “बच्चों को केवल एक स्थिर परिवार और लोगो के साथ ही रखा जाना चाहिए”। लिव इन में रहने वाले लोग एक स्थिर परिवार नहीं दे सकते।महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, आरके सचिव ने कहा कि, “प्रत्येक मामले की अपने आधार पर जांच की जाएगी और हम ऐसा सर्कुलर वापस लेते हैं जिसमें लिव इन पार्टनर को बच्चा गोद लेने की इजाज़त नहीं है।गोद लेने के नियमों में 2017 के तहत गोद लेने के नियम कुछ अलग कर दिए हैं ।जैसे की सिंगल महिलाये किसी भी लिंग के बच्चे को गोद ले सकती हैं जबकि सिंगल पुरुष केवल लड़कों को ही अपना सकते हैं। एक विवाहित जोड़े को बच्चा गोद लेने के लिए दोनों की सहमति होनी जरुरी है। इसके अलावा कम से कम दो वर्षों तक का स्थिर विवाह होना चाहिए। आवेदकों को एक बच्चे को पालने के लिए शारीरिक, मानसिक और वित्तीय रूप से स्थिर होना चाहिए।