भारत पर राज कर रही ब्रिटिश सरकार ने मार्च 1919 में रोलट एक्ट पारित किया जिसके तहत देशद्रोह के अभियुक्तों को बिना मुकदमें के ही जेल में डालने का प्रावधान किया गया। जिसके खिलाफ महात्मा गांधी ने सत्यग्रह रखा और 6 अप्रैल 1919 को पंजाब के अमृतसर में सत्यग्रह आंदोलन के तहत लोग हडताल पर बैठ गए। ब्रिटिश सरकार नहीं चाहती थी की गांधीजी पंजाब जाए। लेकिन गांधी जी नहीं माने और वो बंबई से रेल में सवार हो लिए। जिसपर अंग्रेजी हुकुमत ने 9 अप्रैल 1919 को उन्हें हरियाणा के पलवल स्टेशन से गिरफ्तार कर लिया।
ये गिरफ्तारी अधिकारिक तौर पर गांधी जी की पहली गिरफ्तारी थी। उन्हें पुलिस हिरासत में बंबई ले जाकर रिहा कर दिया गया। इस गिरफ्तारी से देशभर में रोष उत्पन्न हो गया। महात्मा गांधी और अन्य आंदोलनकारी नेताओं की गिरफ्तारी के खिलाफ 13 अप्रैल 1919 को पंजाब के अमृतसर में जलियांवाला बाग में प्रदर्शन कर रहे करीब 20,000 निहत्थे लोगों पर जरनल डायर ने गोलियां चलवा दी।
गांधी जी को पलवल रेलवे स्टेशन के इसी प्लेटफोर्म नंबर चार से गिरफ्तार किया गया था। गांधी जी की याद में प्लेटफोर्म नंबर चार पर एक छोटा सा बागीचा भी लगाया गया है। जिसमें एक शयामपट्ट पर गांधी जी की गिरफ्तारी का ये पूरा वाक्या भी बताया गया है।
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