अमेरिकी राज्य मिसौरी के एक जज ने एक बहुत ही अलग सी सजा सुनाई है। जज ने हिरण के एक शिकारी को सजा के रुप में वॉल्ट डिज्नी की क्लासिक फिल्म “बाम्बी” की स्क्रीनिंग को देखने को कहा है। इस व्यक्ति का नाम डेविड बेरी जूनियर है और उसे अपनी एक साल की जेल की सजा के दौरान महीने में एक बार यह एनिमेटेड फिल्म देखनी होगी।
मिसौरी संरक्षण प्राधिकरण के मुताबिक बेरी और उसके परिवार के दो और सदस्यों को सैकड़ों हिरणों की हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। बताया जा रहा है कि ये लोग हिरण के सिर को अवैध रूप से ट्रक में ले जाया करते थे और इशके बाकि के शरीर को बर्बाद होने के लिए छोड़ दिया करते थे।
वॉल्ट डिज़नी कंपनी की इस एनिमेटेड फिल्म को कई पीढियों के बच्चों ने देखा है। यह फिल्म अगस्त 1942 में रिलीज हुई थी। यह फिल्म एक युवा हिरण और उसकी माँ के बारे में है। इस फिल्म का वह दृश्य जिसमें हिरण की माँ को शिकारी मार देते हैं औऱ वह अपनी माँ को देख दुखी हो जाता है, काफी एतिहासिक है। यह सीन इतना रियल और शोक से भरा है कि टाइम मैगज़ीन ने इस फिल्म को “फ्रैंकस्टाइन,” “एक्सोसिस्ट” और “नाइट ऑफ द लिविंग डेड” के साथ 25 टॉप डरावनी फिल्मों में शामिल किया था।
न्यायाधीश रॉबर्ट जॉर्ज ने बेरी को एक साल के लिए जेल भेजा है और लॉरेंस काउंटी जेल के शेरिफ को फिल्म के इल दृश्यों का आयोजन करने का भी आदेश दिया है।
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अमेरिकी राज्य मिसौरी के एक जज ने एक बहुत ही अलग सी सजा सुनाई है। जज ने हिरण के एक शिकारी को सजा के रुप में वॉल्ट डिज्नी की क्लासिक फिल्म “बाम्बी” की स्क्रीनिंग को देखने को कहा है। इस व्यक्ति का नाम डेविड बेरी जूनियर है और उसे अपनी एक साल की जेल की सजा के दौरान महीने में एक बार यह एनिमेटेड फिल्म देखनी होगी।मिसौरी संरक्षण प्राधिकरण के मुताबिक बेरी और उसके परिवार के दो और सदस्यों को सैकड़ों हिरणों की हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। बताया जा रहा है कि ये लोग हिरण के सिर को अवैध रूप से ट्रक में ले जाया करते थे और इशके बाकि के शरीर को बर्बाद होने के लिए छोड़ दिया करते थे।वॉल्ट डिज़नी कंपनी की इस एनिमेटेड फिल्म को कई पीढियों के बच्चों ने देखा है। यह फिल्म अगस्त 1942 में रिलीज हुई थी। यह फिल्म एक युवा हिरण और उसकी माँ के बारे में है। इस फिल्म का वह दृश्य जिसमें हिरण की माँ को शिकारी मार देते हैं औऱ वह अपनी माँ को देख दुखी हो जाता है, काफी एतिहासिक है। यह सीन इतना रियल और शोक से भरा है कि टाइम मैगज़ीन ने इस फिल्म को “फ्रैंकस्टाइन,” “एक्सोसिस्ट” और “नाइट ऑफ द लिविंग डेड” के साथ 25 टॉप डरावनी फिल्मों में शामिल किया था।न्यायाधीश रॉबर्ट जॉर्ज ने बेरी को एक साल के लिए जेल भेजा है और लॉरेंस काउंटी जेल के शेरिफ को फिल्म के इल दृश्यों का आयोजन करने का भी आदेश दिया है।