दिल्ली में प्रदूषण लगातार तीसरे दिन भी ‘गंभीर’ स्तर पर है क्योंकि हवा की गति और अन्य मौसम संबंधी कारण प्रदूषण के फैलाव के लिए “अत्यधिक प्रतिकूल” बन रहे हैं। लोगों को सलाह दी जा रही है कि वो घर से बाहर कम निकले और बाहरी और निजी वाहनों का उपयोग भी कम करने की कोशिश करें। एकतरफ केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के आंकड़ों ने AQI को 445 के ‘गंभीर’ स्तर पर बताया था, सेंटर-रन सिस्टम ऑफ़ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग (SAFAR) ने 477 का AQI बताया है।
100 से 200 के बीच AQI ‘मध्यम’ श्रेणी, 201 और 300 को गंभीर’, 301 और 400 को ‘बहुत गंभीर’ माना जाता है। जबकि 401 और 500 के बीच ‘घातक’ है। सीपीसीबी के अनुसार, सोमवार को राष्ट्रीय राजधानी के 32 क्षेत्रों में ‘गंभीर’ वायु गुणवत्ता दर्ज की गई, जबकि पांच क्षेत्रों में बहुत खराब वायु गुणवत्ता दर्ज की गई। नोएडा में 464 AQI के साथ सबसे खराब हवा की गुणवत्ता दर्ज की है। फरीदाबाद और गाजियाबाद ने भी ‘गंभीर’ वायु गुणवत्ता दर्ज की है।
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दिल्ली में प्रदूषण लगातार तीसरे दिन भी ‘गंभीर’ स्तर पर है क्योंकि हवा की गति और अन्य मौसम संबंधी कारण प्रदूषण के फैलाव के लिए “अत्यधिक प्रतिकूल” बन रहे हैं। लोगों को सलाह दी जा रही है कि वो घर से बाहर कम निकले और बाहरी और निजी वाहनों का उपयोग भी कम करने की कोशिश करें। एकतरफ केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के आंकड़ों ने AQI को 445 के ‘गंभीर’ स्तर पर बताया था, सेंटर-रन सिस्टम ऑफ़ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग (SAFAR) ने 477 का AQI बताया है।100 से 200 के बीच AQI ‘मध्यम’ श्रेणी, 201 और 300 को गंभीर’, 301 और 400 को ‘बहुत गंभीर’ माना जाता है। जबकि 401 और 500 के बीच ‘घातक’ है। सीपीसीबी के अनुसार, सोमवार को राष्ट्रीय राजधानी के 32 क्षेत्रों में ‘गंभीर’ वायु गुणवत्ता दर्ज की गई, जबकि पांच क्षेत्रों में बहुत खराब वायु गुणवत्ता दर्ज की गई। नोएडा में 464 AQI के साथ सबसे खराब हवा की गुणवत्ता दर्ज की है। फरीदाबाद और गाजियाबाद ने भी ‘गंभीर’ वायु गुणवत्ता दर्ज की है।दिल्ली की हवा की गुणवत्ता शनिवार से गंभीर हो गई है। रविवार को 450 के एक्यूआई के साथ, साल का दूसरा सबसे अधिक प्रदूषण दर्ज किया गया था। भारतीय इंडियन इन्स्टिट्यूट अॉफ ट्रॉपालॉजी के अनुसार, मंगलवार को हवा की गुणवत्ता में सुधार होने की संभावना है लेकिन फिर भी खतरे से बाहर नहीं होगा। उन्होने हवा की गति और वेंटिलेशन सूचकांक को प्रदूषकों के फैलाव के लिए अत्यधिक प्रतिकूल बताया है। सीपीसीबी के नेतृत्व वाली टास्क फोर्स ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे पहले से ही उपायों को लागू करने के लिए जमीनी कार्रवाई तेज करें, खासतौर पर वाहनों की कमी और बायोमास को जलाने पर भी बैन लगाए।एक स्वास्थ्य सलाहकार में, SAFAR ने दिल्लीवासियों को सुरक्षा के लिए आम धूल मास्क पर भरोसा नहीं करने के लिए कहा। एजेंसी ने दिल्लीवासियों को सलाह दी है कि वे सभी बाहरी गतिविधियों जैसे पैदल यात्रा से बचें। सलाहकार ने केवल बाहरी गतिविधियों के लिए मना किया है। एन-95 या पी-100 श्वासयंत्र के रूप में जाना जाने वाले मास्क को बार-बार गीला कर और उपयोग करने की सिफारिश की।
दिल्ली की हवा की गुणवत्ता शनिवार से गंभीर हो गई है। रविवार को 450 के एक्यूआई के साथ, साल का दूसरा सबसे अधिक प्रदूषण दर्ज किया गया था। भारतीय इंडियन इन्स्टिट्यूट अॉफ ट्रॉपालॉजी के अनुसार, मंगलवार को हवा की गुणवत्ता में सुधार होने की संभावना है लेकिन फिर भी खतरे से बाहर नहीं होगा। उन्होने हवा की गति और वेंटिलेशन सूचकांक को प्रदूषकों के फैलाव के लिए अत्यधिक प्रतिकूल बताया है। सीपीसीबी के नेतृत्व वाली टास्क फोर्स ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे पहले से ही उपायों को लागू करने के लिए जमीनी कार्रवाई तेज करें, खासतौर पर वाहनों की कमी और बायोमास को जलाने पर भी बैन लगाए।
एक स्वास्थ्य सलाहकार में, SAFAR ने दिल्लीवासियों को सुरक्षा के लिए आम धूल मास्क पर भरोसा नहीं करने के लिए कहा। एजेंसी ने दिल्लीवासियों को सलाह दी है कि वे सभी बाहरी गतिविधियों जैसे पैदल यात्रा से बचें। सलाहकार ने केवल बाहरी गतिविधियों के लिए मना किया है। एन-95 या पी-100 श्वासयंत्र के रूप में जाना जाने वाले मास्क को बार-बार गीला कर और उपयोग करने की सिफारिश की।
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