लोकसभा में गुरूवार यानी आज ट्रिपल तलाक पर लगातार चर्चा हुई। ट्रिपल तलाक की प्रथा पर रोक लगाने के मकसद से इस बिल पर बहस होती रहती है। बिल पर चर्चा होने से पहले राजनीतिक बयानबाजी भी शुरू हो गई है। आपको बता दे ट्रिपल तलाक को अपराध घोषित करने वाला यह विधेयक बीते 17 दिसंबर को लोकसभा में पेश किया गया था। इस प्रस्तावित कानून के तहत एक बार में तीन तलाक देना गैरकानूनी और अमान्य होगा और ऐसा करने वाले को तीन साल तक की सजा हो सकती है।
इस बिल पर कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट की ओर से गैरकानूनी करार दिए जाने के बावजूद तीन तलाक की प्रथा नहीं रुक रही है। ऐसे में यह कानून मुस्लिम समाज की महिलाओं के संरक्षण के लिए जरूरी हो गया है।
Ravi Shankar Prasad, Law Minister in Lok Sabha: 20 Islamic nations have banned #tripletalaq, then why can't a secular nation like India? I request that this should not be looked through the prism of politics https://t.co/W8IhXtPCkP
लोकसभा में गुरूवार यानी आज ट्रिपल तलाक पर लगातार चर्चा हुई। ट्रिपल तलाक की प्रथा पर रोक लगाने के मकसद से इस बिल पर बहस होती रहती है। बिल पर चर्चा होने से पहले राजनीतिक बयानबाजी भी शुरू हो गई है। आपको बता दे ट्रिपल तलाक को अपराध घोषित करने वाला यह विधेयक बीते 17 दिसंबर को लोकसभा में पेश किया गया था। इस प्रस्तावित कानून के तहत एक बार में तीन तलाक देना गैरकानूनी और अमान्य होगा और ऐसा करने वाले को तीन साल तक की सजा हो सकती है।इस बिल पर कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट की ओर से गैरकानूनी करार दिए जाने के बावजूद तीन तलाक की प्रथा नहीं रुक रही है। ऐसे में यह कानून मुस्लिम समाज की महिलाओं के संरक्षण के लिए जरूरी हो गया है।इस बिल पर मीनाक्षी लेखी ने कहा कि विरोध करने वालों से पूछना चाहूंगी कि पवित्र कुरान के किस सूरा में तलाक-ए-बिद्दत का जिक्र है? यह पुरुष बनाम महिला नहीं है। यह मानवाधिकारों के उल्लंघन का मुद्दा है। साथ ही, कहा कि आईएमपीबी महिलाओं के अधिकारों के लिए लड़ने के बजाय उनके अधिकारों का ही हनन करने में लगा है। इस बिल का समर्थन करते हुए कहा कि जो शादी पूरे समाज के सामने होता है वो शादी सिर्फ एक मैसेज या एसएमएस से खत्म हो जाती है। यह कहां तक ठीक है।खबरों के अनुसार, बीजेपी सांसद और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि जिन लोगों ने कारवां लूटा वही आज इंसाफ की दुहाई दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भी मुस्लिम महिलाएं तीन तलाक का शिकार हुई हैं। ईरानी ने कहा कि आज 1986 के कानून में वो ताकत होती तो सायरा बानो को कोर्ट का दरवाजा नहीं खटखटाना पड़ता। उन्होंने कहा कि अगर आप हजरत साहब का नाम मेरे मुंह से सुनना चाहते हैं तो मैं भी आपसे हनुमान चालीसा सुनना चाहूंगा, कभी हिम्मत हो तो सुना देना। उन्होंने कहा कि राजनीति के मसकद से नहीं इंसाफ के मकसद से यह कानून लाया गया है, क्योंकि ऐसा करना होता तो मुस्लिम बहन की बाद इस सदन तक नहीं पहुंच पाती। ईरानी ने कहा कि इस बिल का कानूनी मान्यता मिलनी चाहिए ताकि मुस्लिम महिलाओं को न्याय मिल सके।इसके अलावा, तीन तलाक बिल को लेकर समाजवादी पार्टी की प्रवक्ता जूही सिंह ने कहा कि हमने सदन में अपना रुख साफ कर दिया है, पिछली बार जब चर्चा हुई थी तो हमने कुछ बातों पर आपत्ति जताई थी। जो जनता के हित में होगा, वही हमारा स्टैंड होगा।
— ANI (@ANI) December 27, 2018
इस बिल पर मीनाक्षी लेखी ने कहा कि विरोध करने वालों से पूछना चाहूंगी कि पवित्र कुरान के किस सूरा में तलाक-ए-बिद्दत का जिक्र है? यह पुरुष बनाम महिला नहीं है। यह मानवाधिकारों के उल्लंघन का मुद्दा है। साथ ही, कहा कि आईएमपीबी महिलाओं के अधिकारों के लिए लड़ने के बजाय उनके अधिकारों का ही हनन करने में लगा है। इस बिल का समर्थन करते हुए कहा कि जो शादी पूरे समाज के सामने होता है वो शादी सिर्फ एक मैसेज या एसएमएस से खत्म हो जाती है। यह कहां तक ठीक है।
Meenakshi Lekhi,BJP in Lok Sabha: Would like to ask those opposing the #TripleTalaqBill here that in which suraa of the holy Quran is talaq-e-biddat mentioned? This is not he vs she, these are issues of human rights violation
— ANI (@ANI) December 27, 2018
खबरों के अनुसार, बीजेपी सांसद और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि जिन लोगों ने कारवां लूटा वही आज इंसाफ की दुहाई दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भी मुस्लिम महिलाएं तीन तलाक का शिकार हुई हैं। ईरानी ने कहा कि आज 1986 के कानून में वो ताकत होती तो सायरा बानो को कोर्ट का दरवाजा नहीं खटखटाना पड़ता। उन्होंने कहा कि अगर आप हजरत साहब का नाम मेरे मुंह से सुनना चाहते हैं तो मैं भी आपसे हनुमान चालीसा सुनना चाहूंगा, कभी हिम्मत हो तो सुना देना। उन्होंने कहा कि राजनीति के मसकद से नहीं इंसाफ के मकसद से यह कानून लाया गया है, क्योंकि ऐसा करना होता तो मुस्लिम बहन की बाद इस सदन तक नहीं पहुंच पाती। ईरानी ने कहा कि इस बिल का कानूनी मान्यता मिलनी चाहिए ताकि मुस्लिम महिलाओं को न्याय मिल सके।
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