यूनियन कैबिनेट ने शुक्रवार यानी आज गगनयान प्रोजेक्ट को मंजूरी दे दी है। अब भारत से भी 3 एस्ट्रोनॉट अन्तरिक्ष में जाकर सात दिन के लिए रह सकेंगे। इस बात की जानकारी न्यूज़ एजेंसी एएनआई ने ट्वीट कर दी है। इस न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, कैबिनेट ने भारत में बना इंसानी स्पेसफ्लाइट प्रोग्राम को मंजूर कर दिया गया है। अब ‘गगनयान स्पेसफ्लाइट‘ में अब 7 दिनों के लिए 3 लोगों का क्रू अंतरिक्ष में जा सकेगा। इसके लिए कीमत 10,000 करोड़ रखी गई है।
Cabinet approves indigenous human spaceflight programme; Gaganyaan programme to carry 3 member crew for minimum 7 days in space at a total cost of Rs 10k crores.
यूनियन कैबिनेट ने शुक्रवार यानी आज गगनयान प्रोजेक्ट को मंजूरी दे दी है। अब भारत से भी 3 एस्ट्रोनॉट अन्तरिक्ष में जाकर सात दिन के लिए रह सकेंगे। इस बात की जानकारी न्यूज़ एजेंसी एएनआई ने ट्वीट कर दी है। इस न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, कैबिनेट ने भारत में बना इंसानी स्पेसफ्लाइट प्रोग्राम को मंजूर कर दिया गया है। अब ‘गगनयान स्पेसफ्लाइट‘ में अब 7 दिनों के लिए 3 लोगों का क्रू अंतरिक्ष में जा सकेगा। इसके लिए कीमत 10,000 करोड़ रखी गई है।भारत के 72वें स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त 2018 को प्रधानमंत्री मोदी ने इस बात की घोषणा की थी। उन्होंने कहा था कि 2022 तक कोई भी एक भारतीय एस्ट्रोनॉट, चाहे वो महिला हो या पुरुष, गगनयान से आसमान की सैर पर जा सकेंगे। इस मिशन के पूरे होने से अन्तरिक्ष में भारत को बड़ी सफलता हासिल होगी।इस बड़े कदम की बात करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि यह महत्वाकांक्षी योजना भारत की आजादी के 75वें साल 2022 में पूरी हो जाएगी। यह भी हो सकता है कि इससे पहले ही वो इसे पूरा करने में कामयाबी हासिल कर सकें। उन्होंने यह भी कहा था कि ‘भारत का कोई बेटा या बेटी’ इस यात्रा में भारत का झंडा लेकर जाएगा। भारत के लिए यह एक बहुत बड़ा मौका होगा। इससे पहले भारत अक्टूबर 2008 में चंद्रयान-1 और सितंबर 2014 में मंगलयान को सफलता से लॉन्च कर चुका है। ISRO के चेयरमैन के सिवान ने कहा कि यह मिशन 15,000 नई नौकरियां भी पैदा करेंगी।
— ANI (@ANI) December 28, 2018
भारत के 72वें स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त 2018 को प्रधानमंत्री मोदी ने इस बात की घोषणा की थी। उन्होंने कहा था कि 2022 तक कोई भी एक भारतीय एस्ट्रोनॉट, चाहे वो महिला हो या पुरुष, गगनयान से आसमान की सैर पर जा सकेंगे। इस मिशन के पूरे होने से अन्तरिक्ष में भारत को बड़ी सफलता हासिल होगी।
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