सिख विरोधी दंगों में आरोपी महेंद्र यादव और किशन खोकर ने सोमवार यानी आज कड़कड़डूमा कोर्ट में सरेंडर कर दिया है। इस दोनों आरोपियों को हाइकोर्ट ने 10-10 साल की सज़ा सुनाई थी। खबरों की माने तो इस मामले में कांग्रेस के पूर्व नेता सज्जन कुमार भी आज कोर्ट में समर्पण करेंगे। साथ ही, बता दे कि दिल्ली हाईकोर्ट ने उनके सरेंडर की समय सीमा बढ़ाने का उनका अनुरोध अस्वीकार कर दिया था, जिसके बाद उनके पास सरेंडर करने के लिए आज तक का ही वक्त बचा है। और वह दोपहर दो बजे सरेंडर कर सकते हैं।
इस बात की जानकारी न्यूज़ एजेंसी एएनआई ने ट्वीट कर दी है। इसके मुताबिक, सिख विरोधी दंगों में आरोपी महेंद्र यादव और किशन खोकर ने खुद को कोर्ट में समर्पण कर दिया है।
1984 anti-Sikh riots case: Both Mahender Yadav and Kishan Khokhar have surrendered. Court accepted their surrender application. Mahender Yadav has been allowed to carry his walking stick and spectacles by the Court https://t.co/1XgpT3ulqN
सिख विरोधी दंगों में आरोपी महेंद्र यादव और किशन खोकर ने सोमवार यानी आज कड़कड़डूमा कोर्ट में सरेंडर कर दिया है। इस दोनों आरोपियों को हाइकोर्ट ने 10-10 साल की सज़ा सुनाई थी। खबरों की माने तो इस मामले में कांग्रेस के पूर्व नेता सज्जन कुमार भी आज कोर्ट में समर्पण करेंगे। साथ ही, बता दे कि दिल्ली हाईकोर्ट ने उनके सरेंडर की समय सीमा बढ़ाने का उनका अनुरोध अस्वीकार कर दिया था, जिसके बाद उनके पास सरेंडर करने के लिए आज तक का ही वक्त बचा है। और वह दोपहर दो बजे सरेंडर कर सकते हैं।इस बात की जानकारी न्यूज़ एजेंसी एएनआई ने ट्वीट कर दी है। इसके मुताबिक, सिख विरोधी दंगों में आरोपी महेंद्र यादव और किशन खोकर ने खुद को कोर्ट में समर्पण कर दिया है।आपको बता दें कि हाईकोर्ट ने 1984 के दंगों से जुड़े एक मामले में 17 दिसंबर को 73 वर्षीय पूर्व सांसद सज्जन कुमार को बाकी बची जिंदगी के लिए उम्र कैद और पांच अन्य दोषियों को अलग-अलग अवधि की सजा सुनाई थी और उन्हें 31 दिसंबर तक समर्पण करने का आदेश दिया था। इतना ही नहीं, कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि 1984 के दंगों में दिल्ली में 2700 से ज्यादा सिख मारे गए थे, जो निश्चित ही ‘अकल्पनीय पैमाने का नरसंहार’ था। अदालत ने कहा था कि यह मानवता के खिलाफ उन लोगों द्वारा किया गया अपराध था, जिन्हें राजनीतिक संरक्षण प्राप्त था और जिनकी कानून लागू करने वाली एजेंसियां मदद कर रही थीं।पाकिस्तान रूस से 600 युद्धक टैंक खरीदने की तैयारी में- सूत्रहाईकोर्ट ने बीती 21 दिसंबर को सज्जन कुमार के उस अनुरोध को अस्वीकार कर दिया था, जिसमें उन्होंने अदालत में समर्पण की मियाद 30 जनवरी तक बढ़ाने का अनुरोध किया था। सज्जन कुमार ने यह अवधि बढ़ाने का अनुरोध करते हुए कहा था कि उन्हें अपने बच्चों और जायदाद से जुड़े कुछ पारिवारिक मसले निबटाने हैं और शीर्ष अदालत में इस फैसले को चुनौती देने के लिए भी वक्त की जरूरत है।अंडमान में पहुँचे प्नधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बदले तीन द्वीपों के नामक्या था मामलाबता दें कि तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की 31 अक्टूबर, 1984 को उनकी सुरक्षा में तैनात दो सिख अंगरक्षकों द्वारा गोली मार हत्या करने की घटना के बाद दिल्ली और देश के कुछ अन्य राज्यों में सिख विरोधी दंगे भड़क गए थे, जिसमें सैकड़ों सिखों की हत्या कर दी गई थी। सज्जन कुमार की संलिप्तता वाला सिख विरोधी दंगों का यह मामला दक्षिण पश्चिम दिल्ली की पालम कॉलोनी के राज नगर पार्ट-I में 1-2 नवंबर, 1984 को पांच सिखों की हत्या और एक गुरुद्वारे को जलाने की घटना के संबंध में है।
— ANI (@ANI) December 31, 2018