प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नए साल पर न्यूज़ एजेंसी एएनआई की वरिष्ठ पत्रकार स्मिता प्रकाश को अपना इंटरव्यू दिया था, जिसकी आलोचना कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने की थी। खबरों के अनुसार, इस इंटरव्यू को ‘स्टेज्ड’ कहा था। इतना ही नहीं, राहुल ने वरिष्ठ पत्रकार पर भी टिप्पणी करते हुए उनके लिए लचीला (pliable) शब्द का इस्तेमाल किया था, जिसके बाद ‘एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया’ राहुल गांधी की इस टिप्पणी पर भड़क गए।
एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने ट्विटर पर एक बयान जारी कर पत्रकारों को बदनाम करने की बढ़ती प्रथा को लेकर चिंता जताई है। साथ ही, कहा कि स्वस्थ और सभ्य आलोचना से किसी छूट का दावा नहीं किया जाना चाहिए लेकिन उनपर किसी प्रकार का ठप्पा लगाना पत्रकारों की गरिमा को कम करने और उनको धमकाने के रूप में सामने आया है। गिल्ड ने कहा कि हम कुछ समय से देख रहे हैं कि हमारे नेता ऐसा काफी वक्त से कर रहे हैं। उन्होंने एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने एक बयान जारी कर पत्रकारों को बदनाम करने की बढ़ती प्रथा पर चिंता जताई।
The Editors Guild of India has issued a statement. pic.twitter.com/XJ8OAylXxx
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नए साल पर न्यूज़ एजेंसी एएनआई की वरिष्ठ पत्रकार स्मिता प्रकाश को अपना इंटरव्यू दिया था, जिसकी आलोचना कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने की थी। खबरों के अनुसार, इस इंटरव्यू को ‘स्टेज्ड’ कहा था। इतना ही नहीं, राहुल ने वरिष्ठ पत्रकार पर भी टिप्पणी करते हुए उनके लिए लचीला (pliable) शब्द का इस्तेमाल किया था, जिसके बाद ‘एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया’ राहुल गांधी की इस टिप्पणी पर भड़क गए।एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने ट्विटर पर एक बयान जारी कर पत्रकारों को बदनाम करने की बढ़ती प्रथा को लेकर चिंता जताई है। साथ ही, कहा कि स्वस्थ और सभ्य आलोचना से किसी छूट का दावा नहीं किया जाना चाहिए लेकिन उनपर किसी प्रकार का ठप्पा लगाना पत्रकारों की गरिमा को कम करने और उनको धमकाने के रूप में सामने आया है। गिल्ड ने कहा कि हम कुछ समय से देख रहे हैं कि हमारे नेता ऐसा काफी वक्त से कर रहे हैं। उन्होंने एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने एक बयान जारी कर पत्रकारों को बदनाम करने की बढ़ती प्रथा पर चिंता जताई।साथ ही, गिल्ड ने कहा कि हाल में ही बीजेपी नेताओं के साथ-साथ ‘आप’ नेताओं ने पत्रकारों को बाजारू, प्रेस्टीच्यूट, खबरों के कारोबारी और दलाल जैसे अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल किया था। पत्रकार के साथ सिर्फ इसलिए ऐसा बर्ताव करना क्योंकि उसने एक विपक्षी नेता का इंटरव्यू लिया, ऐसा गलत है क्या। राहुल गांधी ने वरिष्ठ पत्रकार स्मिता प्रकाश के बारे में कहा था कि सवाल पूछने वाली पत्रकार खुद ही उसका जवाब दे रही थी। वहीं, स्मिता प्रकाश ने राहुल गांधी को ट्विटर पर जवाब देते हुए कहा था कि देश की सबसे पुरानी पार्टी के अध्यक्ष से ऐसी उम्मीद नहीं थी। साथ ही, कहा कि आपको पीएम मोदी की आलोचना करनी है, कीजिए। लेकिन मेरी आलोचना करना बेहद अजीब है।इसी पर कांग्रेस की तरफ से एक वीडियो जारी किया कि प्लायेबल कोई बुरा शब्द नहीं है। कांग्रेस ने लिखा, यह तो आज की पत्रकारिता की हालत है।
— Editors Guild of India (@IndEditorsGuild) January 3, 2019
साथ ही, गिल्ड ने कहा कि हाल में ही बीजेपी नेताओं के साथ-साथ ‘आप’ नेताओं ने पत्रकारों को बाजारू, प्रेस्टीच्यूट, खबरों के कारोबारी और दलाल जैसे अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल किया था। पत्रकार के साथ सिर्फ इसलिए ऐसा बर्ताव करना क्योंकि उसने एक विपक्षी नेता का इंटरव्यू लिया, ऐसा गलत है क्या। राहुल गांधी ने वरिष्ठ पत्रकार स्मिता प्रकाश के बारे में कहा था कि सवाल पूछने वाली पत्रकार खुद ही उसका जवाब दे रही थी। वहीं, स्मिता प्रकाश ने राहुल गांधी को ट्विटर पर जवाब देते हुए कहा था कि देश की सबसे पुरानी पार्टी के अध्यक्ष से ऐसी उम्मीद नहीं थी। साथ ही, कहा कि आपको पीएम मोदी की आलोचना करनी है, कीजिए। लेकिन मेरी आलोचना करना बेहद अजीब है।
Dear Mr Rahul Gandhi, cheap shot at your press conference to attack me. I was asking questions not answering. You want to attack Mr Modi, go ahead but downright absurd to ridicule me. Not expected of a president of the oldest political party in the country.
— Smita Prakash (@smitaprakash) January 2, 2019
इसी पर कांग्रेस की तरफ से एक वीडियो जारी किया कि प्लायेबल कोई बुरा शब्द नहीं है। कांग्रेस ने लिखा, यह तो आज की पत्रकारिता की हालत है।
#Pliable isn't offensive, it's the state of Indian journalism today pic.twitter.com/xCKq2jdCaS
— Congress (@INCIndia) January 3, 2019