प्रयागराज में चल रहे कुंभ मेले के दौरान एक बड़ा हादसा होने से टल गया। शनिवार यानी आज सुबह संगम में श्रद्धालुओं से भरी एक नाव पलट गई। इस नाव में करीब 9 से 12 श्रद्धालु सवार थे। जैसे ही यह हादसा हुआ तुरंत एनडीआरएफ और गोताखोरों की टीम मौके पर पहुंच गई।
खबरों के अनुसार, एनडीआरएफ अधिकारियों ने बताया कि त्रिवेणी संगम में श्रद्धालु से भरी एक नाव अचानक पलट गई। इस नाव में 9 लोग सवार थे। हादसे के तुरंत बाद रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया और सभी 9 लोगों को सुरक्षित पानी से बाहर निकाल लिया गया।
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प्रयागराज में चल रहे कुंभ मेले के दौरान एक बड़ा हादसा होने से टल गया। शनिवार यानी आज सुबह संगम में श्रद्धालुओं से भरी एक नाव पलट गई। इस नाव में करीब 9 से 12 श्रद्धालु सवार थे। जैसे ही यह हादसा हुआ तुरंत एनडीआरएफ और गोताखोरों की टीम मौके पर पहुंच गई।खबरों के अनुसार, एनडीआरएफ अधिकारियों ने बताया कि त्रिवेणी संगम में श्रद्धालु से भरी एक नाव अचानक पलट गई। इस नाव में 9 लोग सवार थे। हादसे के तुरंत बाद रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया और सभी 9 लोगों को सुरक्षित पानी से बाहर निकाल लिया गया।योगी सरकार दावा कर रही है कि इस बार भव्य अंदाज में कुंभ का आयोजन किया गया है। इसके लिए बड़ी रकम भी सरकार ने खर्च की है। साथ ही सुरक्षा व्यवस्था का भी खास ख्याल रखा गया है। हालांकि, कुंभ की शुरुआत से जनवरी महीने में ही कुंभ मेले में आगजनी की तीन घटनाएं हो चुकी हैं। इन घटनाओं में खास नुकसान तो नहीं हुआ, लेकिन व्यवस्था पर सवाल जरूर उठे।इससे पहले घटना 14 जनवरी को दिगंबर अखाड़े के शिविरों में हुई। यहां मेला परिसर के कई पंडाल जलकर खाक हो गए। 14 जनवरी को लगी इस आग का कराण सिलेंडर फटना निकल कर आया था। आग की इस घटना में भी किसी तरह की कोई जनहानि तो नहीं हुई, लेकिन साधुओं का सामान और रुपये खाक हो गए।इसके बाद 16 जनवरी को स्वामी वासुदेवानंद के शिविर में आग लगी। शिविर में उस समय भंडारा चल रहा था। आग लगने से भंडारे का टेंट जलकर राख हो गया था। इसके तीन दिन बाद ही 19 जनवरी को मेले के सेक्टर-13 में सभा के पंडाल में अचानक आग लग गई। फायर ब्रिगेड की तीन गाड़ियों ने आग बुझाई। यह घटना शॉर्ट सर्किट के कारण हुई बताई गई।