भारत दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। आईएमएफ (अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष) ने मोदी सरकार की तारीफ़ करते हुए कहा कि भारत ने पिछले 5 सालों में बहुत से आर्थिक सुधार किए हैं, लेकिन अभी काफी कुछ किए जाने की जरूरत है।
खबरों के अनुसार, एक समाचार सम्मेलन में आईएमएफ के कम्युनिकेशन डायरेक्टर गेरी राइस ने पिछले 5 सालों में भारत के आर्थिक विकास के सवाल के जवाब में गुरुवार को कहा कि भारत निश्चित रूप से दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से एक है, जिसकी पिछले 5 सालों में औसत वृद्धि दर लगभग 7 फीसद रही है।
इसके अलावा, उन्होंने कहा कि भारत में महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं और हमें लगता है कि इस वृद्धि दर को बरकरार रखने के लिए और अधिक कदम उठाने की जरूरत है। भारत अपनी अधिक जनसंख्या को नए सुधारों में इस्तेमाल कर सकता है और भारत के पास ये काफी अधिक है।
साथ ही, उन्होंने कहा कि आगामी वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक (WEO) की सर्वेक्षण रिपोर्ट में भारतीय अर्थव्यवस्था के बारे में जानकारी मिलेगी, जिसे अगले महीने विश्व बैंक के साथ वार्षिक बैठक से पहले आईएमएफ द्वारा जारी किया जाएगा। यह रिपोर्ट भारतीय मूल की अमेरिकी इकोनॉमिस्ट गीता गोपीनाथ के नेतृत्व में पहली बार जारी होगा। गीता गोपीनाथ हाल में ही आईएमएफ की चीफ इकोनॉमिस्ट बनी हैं।
गेरी राइस ने आगे कहा कि WEO में आपको ज्यादा विवरण मिल पाएगा। लेकिन अगर नीतिगत प्राथमिकताओं की बात की जाए तो हम यह चाहेंगे कि बैंकों और कॉरपोरेट का खाता साफ-सुथरा हो, वित्तीय मजबूती केंद्र और राज्य दोनों स्तरों पर जारी रहे और बाजार, श्रम में संरचनात्मक सुधार, भूमि सुधार को आगे बढ़ाया जाए, ऐसा कारोबारी माहौल तैयार किया जाए जिससे तेज और समावेशी ग्रोथ को बढ़ावा दिया जा सके।
आपको बता दे कि इसके पहले कई और अंतरराष्ट्रीय संस्थाएं भी भारतीय अर्थव्यवस्था की तारीफ कर चुकी हैं। केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली के मुताबिक, मोदी सरकार के कार्यकाल में भारतीय इकोनॉमी सबसे मजबूत रही है। अरुण जेटली ने कहा कि आजादी के बाद पहली ऐसी सरकार है जिसने भारतीय इकोनॉमी को नई ऊंचाई दी है। सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी करते हुए वित्त मंत्री जेटली ने बताया कि 1947 के बाद की सरकारों के 5 साल के कार्यकाल की तुलना में मोदी सरकार (2014-19) में औसत जीडीपी ग्रोथ रेट 7.3 फीसदी है।