दीपिका पादुकोण की आने वाली फिल्म ‘छपाक’ के जरिए एसिड अटैक सर्वाइवर लक्ष्मी अग्रवाल की कहानी को देश के सामने रखा जाएगा। वही इसी बीच लक्ष्मी ने एक इमोशनल भरा एक पोस्ट करते हुए अपना दर्द बयां किया है।
लक्ष्मी ने अपनी एक ब्लैक एंड व्हाइट फोटो शेयर करते हुए लिखा कि आज मेरे अटैक को 14 साल हो गए हैं, इन 14 सालों में बहुत कुछ बदला है, बहुत सारी चीज़ें अच्छी हुईं बहुत सारी चीज़ें बुरी, जिसके बारे में सोच कर भी डर लगता है, लोगों को लगता है, ऐसिड अटैक हुआ है ये सबसे बड़ा दुःख है, सबको यही दिखता है, जब कोई भी अटैक होता है, ना सिर्फ़ हमारे पूरे परिवार की ज़िंदगी बदल जाती है बल्कि अचानक से एक नया मोड़ आ जाता है। क्योंकि वो इंसान एक बार अटैक करता है, सोसाइटी बार-बार अटैक करती है। जीने नहीं देती जिससे जिसके ऊपर क्राइम हुआ है, वो या परिवार का कोई व्यक्ति आत्महत्या कर लेता है, मुझे पता है हर साल ये तारीख मेरे जीवन में आएगी और आज का दिन उस दिन जैसा ही तकलीफ़ भरा होता है।
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दीपिका पादुकोण की आने वाली फिल्म ‘छपाक’ के जरिए एसिड अटैक सर्वाइवर लक्ष्मी अग्रवाल की कहानी को देश के सामने रखा जाएगा। वही इसी बीच लक्ष्मी ने एक इमोशनल भरा एक पोस्ट करते हुए अपना दर्द बयां किया है।लक्ष्मी ने अपनी एक ब्लैक एंड व्हाइट फोटो शेयर करते हुए लिखा कि आज मेरे अटैक को 14 साल हो गए हैं, इन 14 सालों में बहुत कुछ बदला है, बहुत सारी चीज़ें अच्छी हुईं बहुत सारी चीज़ें बुरी, जिसके बारे में सोच कर भी डर लगता है, लोगों को लगता है, ऐसिड अटैक हुआ है ये सबसे बड़ा दुःख है, सबको यही दिखता है, जब कोई भी अटैक होता है, ना सिर्फ़ हमारे पूरे परिवार की ज़िंदगी बदल जाती है बल्कि अचानक से एक नया मोड़ आ जाता है। क्योंकि वो इंसान एक बार अटैक करता है, सोसाइटी बार-बार अटैक करती है। जीने नहीं देती जिससे जिसके ऊपर क्राइम हुआ है, वो या परिवार का कोई व्यक्ति आत्महत्या कर लेता है, मुझे पता है हर साल ये तारीख मेरे जीवन में आएगी और आज का दिन उस दिन जैसा ही तकलीफ़ भरा होता है।लक्ष्मी ने आगे लिखा कि उस वक़्त तो पापा-भाई भी थे पर आज वो भी नही हैं, हर 22 अप्रैल मेरे लिए कुछ नई तकलीफ़ देता है, जिसके बारे में सोच कर भी डर जाती हूं, आख़िर मैं भी इंसान हूं। मुझे भी तकलीफ़ होती है, मैं कभी नहीं चाहती जो मेरे साथ हुआ है वो किसी और के साथ हो, जब मैं 15 साल की थी तो अपने पापा मम्मी से कुछ नहीं बोल सकी मन में डर था कहीं ना कहीं कि अगर कहा तो मुझे ही गलत बोलेंगे और उस चुप्पी की वजह से क्रिमिनल ने फायदा उठाया।इसके अलावा उन्होंने लिखा कि आज इस पोस्ट को हर कोई पढेगा और मैं चाहती हूं इस पोस्ट से आप लोग एक सबक लें। जो मां बाप हैं वो अपने बच्चों के साथ दोस्ती करें ताकि वो अपने मन की बात आपको बता सकें। क्योंकि जब भी कोई परेशानी होती है। मां बाप को ही ज़्यादा परेशान होना पड़ता है और जो बच्चे हैं, वो भी अपने मम्मी पापा के साथ दोस्ती करें, अपने मन की बात आप अपने मम्मी पापा को बताएं ताकि जो भी दिक़्क़त हो वो साथ मिलकर ठीक कर सकें, याद रहे अटैक सिर्फ एक शख्स पर नहीं पूरे परिवार पर होता है।
लक्ष्मी ने आगे लिखा कि उस वक़्त तो पापा-भाई भी थे पर आज वो भी नही हैं, हर 22 अप्रैल मेरे लिए कुछ नई तकलीफ़ देता है, जिसके बारे में सोच कर भी डर जाती हूं, आख़िर मैं भी इंसान हूं। मुझे भी तकलीफ़ होती है, मैं कभी नहीं चाहती जो मेरे साथ हुआ है वो किसी और के साथ हो, जब मैं 15 साल की थी तो अपने पापा मम्मी से कुछ नहीं बोल सकी मन में डर था कहीं ना कहीं कि अगर कहा तो मुझे ही गलत बोलेंगे और उस चुप्पी की वजह से क्रिमिनल ने फायदा उठाया।
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इसके अलावा उन्होंने लिखा कि आज इस पोस्ट को हर कोई पढेगा और मैं चाहती हूं इस पोस्ट से आप लोग एक सबक लें। जो मां बाप हैं वो अपने बच्चों के साथ दोस्ती करें ताकि वो अपने मन की बात आपको बता सकें। क्योंकि जब भी कोई परेशानी होती है। मां बाप को ही ज़्यादा परेशान होना पड़ता है और जो बच्चे हैं, वो भी अपने मम्मी पापा के साथ दोस्ती करें, अपने मन की बात आप अपने मम्मी पापा को बताएं ताकि जो भी दिक़्क़त हो वो साथ मिलकर ठीक कर सकें, याद रहे अटैक सिर्फ एक शख्स पर नहीं पूरे परिवार पर होता है।
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