दिल्ली में आप और कांग्रेस के बीच तमाम कोशिशों के बाद भी गठबंधन नहीं हो सका। दिल्ली की सभी सात लोकसभा सीटों पर अब दोनों पार्टी अपने-अपने लिए चुनाव लड़ रही है। इसी के चलते दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बताया है कि उनका कांग्रेस के साथ गठबंधन क्यों नहीं हो पाया है।
हाल ही में दिए गए इंटरव्यू में अरविंद केजरीवाल ने दावा किया है कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की नीयत नहीं थी, इसलिए गठबंधन नहीं हो पाया है. केजरीवाल ने बताया कि आम आदमी पार्टी ने गठबंधन को लेकर पूरी कोशिश की है, लेकिन कांग्रेस ने अपने कदम पीछे खींच लिए.
साथ ही, उन्होंने बताया कि पहले दिल्ली, हरियाणा, पंजाब और गोवा की 33 सीटों पर गठबंधन होने की बात थी, लेकिन बाद में यह दिल्ली, हरियाणा और चंडीगढ़ की 18 सीटों तक पहुंच गई। केजरीवाल ने दावा किया कि 18 सीटों पर गठबंधन की बात बिल्कुल तय हो गई थी, अगले दिन साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस होने वाली थी। लेकिन अगले दिन कांग्रेस नेताओं ने फोन उठाना बंद कर दिया। साथ ही, कहा सभी शर्तें मानने के बावजूद भी कांग्रेस ने कदम पीछे कर लिए।
लोकसभा चुनाव 2019: चौथे चरण में किस पार्टी की प्रतिष्ठा लगी है दांव पर
दिल्ली में आप और कांग्रेस के बीच तमाम कोशिशों के बाद भी गठबंधन नहीं हो सका। दिल्ली की सभी सात लोकसभा सीटों पर अब दोनों पार्टी अपने-अपने लिए चुनाव लड़ रही है। इसी के चलते दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बताया है कि उनका कांग्रेस के साथ गठबंधन क्यों नहीं हो पाया है।हाल ही में दिए गए इंटरव्यू में अरविंद केजरीवाल ने दावा किया है कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की नीयत नहीं थी, इसलिए गठबंधन नहीं हो पाया है. केजरीवाल ने बताया कि आम आदमी पार्टी ने गठबंधन को लेकर पूरी कोशिश की है, लेकिन कांग्रेस ने अपने कदम पीछे खींच लिए.साथ ही, उन्होंने बताया कि पहले दिल्ली, हरियाणा, पंजाब और गोवा की 33 सीटों पर गठबंधन होने की बात थी, लेकिन बाद में यह दिल्ली, हरियाणा और चंडीगढ़ की 18 सीटों तक पहुंच गई। केजरीवाल ने दावा किया कि 18 सीटों पर गठबंधन की बात बिल्कुल तय हो गई थी, अगले दिन साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस होने वाली थी। लेकिन अगले दिन कांग्रेस नेताओं ने फोन उठाना बंद कर दिया। साथ ही, कहा सभी शर्तें मानने के बावजूद भी कांग्रेस ने कदम पीछे कर लिए।आप अब इसी दूसरे विकल्प के साथ चुनाव लड़ रही है और उसके सामने बीजेपी व कांग्रेस है। अब देखना होगा कि दिल्ली में 12 मई को जब मतदान होगा तो दिल्ली की जनता इस त्रिकोणीय मुकाबले में किस पर भरोसा करती है।
आप अब इसी दूसरे विकल्प के साथ चुनाव लड़ रही है और उसके सामने बीजेपी व कांग्रेस है। अब देखना होगा कि दिल्ली में 12 मई को जब मतदान होगा तो दिल्ली की जनता इस त्रिकोणीय मुकाबले में किस पर भरोसा करती है।
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