इन दिनों बदल रहे लाइफस्टाइल को लेकर लोग अपनी सेहत का बिल्कुल भी ध्यान नहीं रखते है। वही, अलग-अलग खानपान की वजह से लोगों का मोटापा भी बढ़ रहा है, लेकिन मोटापे के बढ़ने से दांत सड़ रहे है। दरअसल, एक स्टडी में पाया गया है कि मानव के दांत और जबड़े की हड्डी को बनाने वाले एक खास तरह के जीन्स और मोटापे का संबंध दांतों के सड़ने और खराब होने से है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, शोधकर्ताओं ने दिल के रोग और धूम्रपान, मोटापा, शिक्षा और व्यक्तित्व में जेनेटिक संबंधों को देखा और इन कारकों का दांतों की सेहत से क्या संबंध है यह समझने की कोशिश की। साथ ही, किसी व्यक्ति की आनुवांशिक विशेषताओं जैसे मोटापा, शिक्षा और व्यक्तित्व का संबंध भी दांतों की बीमारियों से जोड़ा गया है।
ब्रिटेन में ब्रिस्टल यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं का कहना है कि दुनिया भर में बीमारी दांतों की खराबी और पीरियडऑनटाइटिस यानी मसूड़ों की बीमारी सबसे ज्यादा पाई जाती है। वहीं, शोधकर्ता अभी तक इसका कारण नहीं बता पाए हैं कि दो लोग, जो एक जैसी चीजें ही खाते हैं और अपने मुंह की देखभाल भी एक ही तरह से करते हैं, उनके दांतों में अलग-अलग कीटाणु और इंफेक्शन कैसे हो जाता है?
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वही, स्वीडन की यूमिया यूनिवर्सिटी के इंस्टिट्यूट ऑफ ओडॉनटोलॉजी के इनगेगार्ड जोहान्सन के अनुसार इस स्टडी से यह स्पष्ट हो गया है कि दांत हमारे शरीर का अहम हिस्सा हैं। हम देख सकते हैं कि दिल के रोग और दांतों की खराबी के जोखिम संबंधी कारकों में गहरा संबंध हैं।
मौजूदा अध्ययन ‘नेचर कम्युनिकेशन’ में प्रकाशित हुआ है और इसमें नौ अंतरराष्ट्रीय क्लिनिकल अध्ययन के आंकड़े हैं। इस अध्ययन में 62,000 लोगों ने हिस्सा लिया था। इस अनुसंधान 47 नए जीन की पहचान की गई जो दांतों के खराब होने से जुड़े हुए थे।
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