आप सोशल मीडिया यानी ट्वीटर, फेसबुक और व्हाट्सऐप पर रोजाना इमोजी का इस्तेमाल करते ही होंगे। ये आपकी फीलिंग्स को व्यक्त करने का एक अच्छा माध्यम है। इन इमोजी से हर कठिन बात कहना आसान हो जाता है। लेकिन सवाल ये है कि ये इमोजी आई कहां से और किस व्यक्ति ने इनको अस्तित्व दिया।
दरअसल, 1999 में जापान के कलाकार शिगेताका कुरिता ने सबसे पहला इमोजी सेट बनाया था, जिसमें लगभग 176 इमोजी थे। वहीं, दिलचस्प बात यह है कि फादर ऑफ इमोजी कहे जाने वाले शिगेताका कुरीता न तो इंजीनियर थे और न ही कोई डिजाइनर, बल्कि उन्होंने तो अर्थशास्त्र की पढ़ाई की थी। बता दे इमोजी शब्द भी जापानी है। साल 2010 के बाद स्मार्टफोन की वजह से इमोजी के इस्तेमाल में क्रांति आ गई है।
वहीं, बता दे 2005 में सिर्फ़ 105 इमोजी थे। लेकिन 2015 में इनकी तादाद 1600 से ज़्यादा हो गई। आज यूनिकोड स्टैंडर्ड के मुताबिक, 2666 इमोजी बनाए जा चुके हैं। वहीं, हर साल सैकड़ों में नए इमोजी के आवेदन मिलते हैं। पता है, यूनिकोड कंसोर्टियम इमोजी के लिए पैमाना तैयार करता है कि क्या इमोजी बनाया जाना चाहिए और क्या नहीं। लेकिन एप्पल और गूगल जैसी बड़ी कंपनियां अपने निजी इमोजी बनाने के लिए स्वतंत्र हैं।
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इतना ही नहीं, इन इमोजी को भी किसी शब्द की तरह विशेष रूप से चुना गया। दरअसल, 2015 में Oxford Dictionaries ने वर्ड ऑफ़ द इयर में किसी शब्द को नहीं, बल्कि इमोजी को चुना था। Oxford Dictionaries ने जिस इमोजी को चुना था। वो खुशी के आंसुओं वाला पीला चेहरा था और आज भी ये दुनिया का सबसे पसंदीदा इमोजी बना हुआ है।
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