देशभर में नए मोटर व्हीकल कानून के लागू होने के बाद से ट्रैफिक पुलिस काफी सख्त नजर आ रही है। वहीं, इस कानून के तहत वाहन मालिक के पास वाहन का रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (आरसी), इंश्योरेंस, पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल सर्टिफिकेट, ड्राइविंग लाइसेंस और परमिट जैसे दस्तावेज होना अनिवार्य है। लेकिन वहां मालिकों द्वारा इस जरुरी दस्तावेजों को तत्काल न दिखाने पर ताबड़तोड़ चालान काटने की खबरें आ रही हैं। लेकिन आप ट्रैफिक पुलिस को मांगने पर जरूरी दस्तावेज तुरंत नहीं दिखा पाते हैं, तो यह जुर्म नहीं है।
दरअसल, सेंट्रल मोटर व्हीकल रूल्स के नियम 139 में प्रावधान है कि वाहन चालक को दस्तावेजों को पेश करने के लिए 15 दिन का समय दिया जाएगा। ट्रैफिक पुलिस तत्काल उसका चालान नहीं काट सकती है। इसका मतलब यह हुआ कि अगर चालक 15 दिन के अंदर इन दस्तावेजों को दिखाने का दावा करता है, तो ट्रैफिक पुलिस या आरटीओ अधिकारी वाहन का चालान नहीं काटेंगे। इसके बाद चालक को 15 दिन के अंदर इन दस्तावेजों को संबंधित ट्रैफिक पुलिस या अधिकारी को दिखाना होगा।
मोटर व्हीकल एक्ट: 15 हजार की स्कूटी, सख्त नियम और कटा 23 हजार रूपये का चालान
वहीं, मोटर व्हीकल एक्ट 2019 की धारा 158 के तहत एक्सीडेंट होने या किसी विशेष मामलों में इन दस्तावेजों को दिखाने का समय 7 दिन का होता है। इसी के साथ कुछ मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो यदि ट्रैफिक पुलिस आरसी, डीएल, इंश्योरेंस सर्टीफिकेट, पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल सर्टिफिकेट, ड्राइविंग लाइसेंस और परमिट सर्टिफिकेट तत्काल नहीं दिखाने पर चालान काटती है, तो चालक के पास कोर्ट में इसको खारिज कराने का विकल्प रहता है।
अब ट्रैफिक नियम तोड़ने पर पुलिसकर्मियों को भरना होगा दोगुना जुर्माना
वहीं, दिल्ली सरकार के निर्देशानुसार ट्रैफिक पुलिस ने एक सितंबर से नए नियमों के हिसाब से चालान काटना तो शुरू कर दिया है, लेकिन अभी ट्रांसपोर्ट विभाग की तरफ से कुछ जरूरी औपचारिकताएं बाकी है, इसलिए ट्रैफिक पुलिस जुर्माने की राशि मौके पर नहीं वसूल रही है, बल्कि कोर्ट के चालान काट रही है। बता दे ट्रांसपोर्ट विभाग की तरफ से नया नोटिफिकेशन जारी होने तक दिल्ली में जितने भी लोगों के ट्रैफिक के चालान कटेंगे, उन सभी को जुर्माना भरने कोर्ट में जाना पड़ेगा, उसके बाद ही चालान जमा हो पाएगा।
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