दुनियाभर में मशहूर मसाले की कंपनी एमडीएच (MDH) काफी चर्चा में है। दरअसल, हाल ही में एमडीएच के सांभर मसाले में ‘साल्मोनेला’ नाम का बैक्टीरिया पाया गया है, जिसके बाद एमडीएच की कुछ लॉट्स को हटा दिया गया। इसका खुलासा यूएस फूड एंड ड्रग अथॉरिटी (USFDA) ने किया है।
USFDA ने अपने आधिकारिक बयान में कहा है कि एमडीएच के सांभर मसाले में साल्मोनेला नाम का बैक्टीरिया पाया गया है, जिसके बाद कंपनी ने दुकानों से तकरीबन तीन लाॅट का हटा दिया। इनकी जांच अमेरिका के फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) द्वारा प्रमाणित लैबोरेटरी में की गई। बयान में आगे कहा कि एफडीए ने इस बारे में तब जांच करनी शुरू की जब उसे पता चला कि बाजार में कुछ ऐसे प्रोडक्ट्स बेचे जा रहे हैं, जिसमें साल्मोनेला बैक्टीरिया हैं। आइये जानते है बैक्टीरिया के बारे में…
क्या है साल्मोनेला बैक्टीरिया
दरअसल, साल्मोनेला बैक्टीरिया के एक ग्रुप का नाम है, जो आपकी आंतों को प्रभावित करता है। साल्मोनेला बैक्टीरिया जानवरों जैसे अंडा, बीफ, कच्चे मुर्गों और फल-सब्जियों के साथ-साथ मनुष्यों के आंतों में भी पाया जाता है। इसके अलावा ये बैक्टीरिया सांप, कछुए और छिपकली से भी फैलता है।
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ऐसे प्रभावित करता है साल्मोनेला बैक्टीरिया
अगर आपको कुछ खाने के 12 से 36 घंटों के भीतर यहां दिए गए लक्षण नज़र आए तो हो सकता है कि आप साल्मोनेला बैक्टीरिया से संक्रमित हो गए हैं। साल्मोनेला बैक्टीरिया से डायरिया, पेट दर्द, उलटी, बुखार, सिर दर्द और जी मचलने जैसी समस्या होती है। वहीं, टाइफाइड साल्मोनेला बैक्टीरिया से फैलने वाली खतरनाक बीमारी है। टाइफाइड में पीड़ित व्यक्ति के पाचन तंत्र और ब्लड स्ट्रीम में साल्मोनेला बैक्टीरिया प्रवेश कर जाते हैं, जिससे डायरिया, कमज़ोरी, उलटी, बुखार और दर्द होता है। गंदे पानी, संक्रमित जूस या भोजन की वजह से साल्मोनेला बैक्टीरिया शरीर के अंदर प्रवेश करता है।
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साल्मोनेला बैक्टीरिया का इलाज
साल्मोनेला बैक्टिरिया में उलटी और डायरिया की वजह से पीड़ित के शरीर में पानी की कमी हो जाती है। क्योंकि कुछ खाना या पानी पचता नहीं है। इसलिए मरीज को हल्का खाना दिया जाता है। फ्रेश जूस और इलेक्ट्रोलाइट पिलाया जाता है। ग्लूकोज़ चढ़ाया जाता है। साथ ही, एंटी-बायोटिक देकर इंफेक्शन को खत्म किया जाता है।