इन दिनों बाजार में प्याज काफी महंगी मिल रही है। राजधानी दिल्ली की लोकल मार्किट में 30-35 रूपये किलो मिलने वाली प्याज अब 60-70 रूपये किलो बिक रही है। अब प्याज़ के बढ़ते दामों से आम आदमी के आंसू भी निकल रहे हैं। देखा जाए तो प्याज के दाम चार साल में पहली बार इस तरह की ऊंचाई को छू रहे हैं। इससे पहले साल 2015 को प्याज के दाम में सबसे ज्यादा बढ़ोतरी दर्ज की गई थी।
बीबीसी में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार, प्याज़ से जुड़े कारोबारियों का कहना है कि प्याज की कीमतों में ये उछाल उसकी कम पैदावार का नतीजा है। किसानों ने प्याज की खेती करना कम कर दिया क्योंकि पिछले सीज़न में प्याज़ की कीमत 4-5 रुपए प्रति किलो पहुंच गई थी।
वहीं, आज़ादपुर मंडी में प्याज़ व्यापारी संघ के अध्यक्ष सुरेंद्र बुद्धिराजा ने बताया कि किसानों द्वारा कम पैदावार करने की वजह से प्याज़ का स्टॉक कम पड़ रहा है और कीमतें बढ़ रही है। इसके साथ ही, बरसात की वजह से भी काफी प्याज़ ख़राब हो गई। इसी से डरकर किसान ने प्याज़ जल्दी निकाल दिया था। आमतौर पर अप्रैल में जो प्याज़ निकाला जाता है वह दिवाली तक चलता है लेकिन इस बार वो प्याज़ अभी ख़त्म हो चुका है।
इस वजह से महीने के आखिरी में 5 दिन बंद रहेंगे बैंक, जल्द ही निपटा लें जरुरी काम
प्याज के बढ़ते दामों से लगभग सभी लोग परेशान है। वहीं, बारिश के चलते आंध्र प्रदेश और कर्नाटक से प्याज की नई खेप मंडियों तक पहुंची ही नहीं है। महाराष्ट्र, राजस्थान और मध्य प्रदेश के किसानों के पास पहले के जो स्टॉक उनके घरों में है, वही स्टॉक मंडियों में आ रहे हैं। इसलिए कीमतों में पिछले कुछ दिनों से बढ़ोतरी हो रही है।
बालाकोट में फिर से एक्टिव हुआ आतंकी कैंप, घुसपैठ की तैयारी में आतंकवादी- आर्मी चीफ
वहीं, खबरों की माने तो केंद्र सरकार आने वाले दिनों में अफ़ग़ानिस्तान, ईरान और मिस्र से प्याज़ मंगवा सकती है। बाहर से प्याज मंगवाकर इसकी कमी को पूरा करने की उम्मीद है और जिसके बाद कीमतें एक बार फिर स्थिर हो जाएंगी। लेकिन केंद्र सरकार के इस फैसले पर महाराष्ट्र के किसानों ने आपत्ति जताई थी।
जानें, क्या है दिल्ली में प्रदर्शन करने वाले यूपी के नाराज किसानों की मांगे