देशभर से लगातार अपराध के हजारों मामले देखने और सुनने को मिलते है। लेकिन हाल ही में एनसीआरबी ने अपराध से जुड़े कुछ आंकड़े जारी किए है, जो बेहद ही चौंका देने वाले है। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के जारी रिकॉर्ड के तहत 2015-2017 से हत्या मामलों में कमी और अपहरण के मामलों में तेजी आई है।
एनसीआरबी की इस रिपोर्ट के अनुसार, मर्डर से जुड़े अपराधों में कमी कुछ हद तक कमी आई है। लेकिन किडनैपिंग से जुड़े अपराधों में बढ़ोतरी हुई है। इस रिपोर्ट में 2016 में हत्या के 30,450 मामले दर्ज हुए थे, वहीं, 2017 यह आंकड़ा 28,653 रहा। जबकि 2016 में अपहरण और फिरौती के 88,008 केस थे जो 2017 में बढ़कर 95,893 हो गए। इन मामलों में 1,00,555 लोग पीड़ित हुए।
वहीं, इस रिपोर्ट में IPC के तहत आये अपराधों को लेकर भी आंकड़े जारी किए है। इसके तहत देश में कुल 30,62,579 केस दर्ज हुए, जबकि 2016 में यह आंकड़ा 29,75,711 था। इस हिसाब से 86,868 केस ज्यादा दर्ज हुए हैं। राज्यों की बात करें तो इस मामले में यूपी सबसे ऊपर है जहां 3,10,084 केस दर्ज हुए जो देश का 10.1 फीसदी है। यूपी के बाद महाराष्ट्र (9.4), मध्य प्रदेश (8.8), केरल (7.7) और दिल्ली (7.6) हैं।
साथ ही, राज्यों के आधार पर बात करें तो 2016 में दर्ज अपहरण के कुल मामलों में से लगभग 15,898 केस हुए यूपी के है। लेकिन 2017 तक आते ये आकंडा बढ़ गया, जिसके बाद 4023 केस बढ़कर 19,921 हो गए। यूपी के बाद महाराष्ट्र (10,324), बिहार (8479), असम (7857), दिल्ली (6095) हैं। खास बात यह है कि दिल्ली में अपहरण के मामलों में कमी आई है। 2016 में यह आंकड़ा 6619 था जो 2017 में 6095 रहा।
बैन लगने के बाद भी दिल्ली-NCR में खुलेआम बेचे जा रहे पटाखे
इसके अलावा, बच्चों के साथ हुए अपराधों की बात करें तो साल 2016 में 1,06,958 केस दर्ज हुए जो धीरे-धीरे बढ़कर 2017 तक 1,29,032 हो गए। इस मामले में यूपी पहले पायदान पर है, जहां ऐसे मामले 2016 की अपेक्षा 19 फीसदी ज्यादा दर्ज हुए। यूपी में 19145, मध्यप्रदेश में 19038, महाराष्ट्र में 16918, दिल्ली में 7852 और छत्तीसगढ़ में 6518 केस दर्ज हुए।
वहीं, SC जाति को लेकर हुए विवादों में अधिकतर राज्यों में 2017 में अपराध और उत्पीड़न के मामले बढ़े हैं। इस सूची में उत्तर प्रदेश सबसे ऊपर है, जबकि राजस्थान, आंध्र प्रदेश, पंजाब में इनमें कमी आई है। इस दौरान देश में कुल 43203 केस दर्ज किए गए।
इन आंकड़ों के अनुसार, आर्थिक अपराधों की बात करें तो 2017 में कुल 148972 मामलें दर्ज हुए है। इन मामलों में सबसे आगे राजस्थान है जहां 2016 में 21645 तो 2017 में 23589 मामले दर्ज हुए है। उत्तर प्रदेश में साल 2016 में 20717 जबकि साल 2017 में 15765 मामले है। इसी तरह महाराष्ट्र में ये मामले घटकर 2017 में 13008 तो पश्चिम बंगाल में 9663 पर आकर टिके।
आपकी मिठाई में कोई मिलावट तो नहीं, घर बैठे ऐसे करें टेस्ट