उत्तर प्रदेश के इटावा से एक बेहद ही चौंका देने वाला मामला सामने आया है, जिसमें वहां के सब-इंस्पेक्टर अपने ट्रांसफ़र को लेकर 65 किलोमीटर की दौड़ लगाने की ठानी। लेकिन कुछ ही दूर जाने के बाद वह बेहोश हो गए, जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया।
न्यूज़ एजेंसी एएनआई के अनुसार, उनका नाम विजय प्रताप है, जो पुलिस लाइन में पोस्टेड थे। यहां से उनका तबादला बिठोली थाने कर दिया गया। इसी बात से नाराज से होकर उन्होंने 65 किलोमीटर की दौड़ लगाने की ठानी। वहीं, वह दौड़ते-दौड़ते सड़क पर ही गिर पड़े। इसके बाद आनन-फानन में उन्हें अस्पताल ले जाया गया।
#WATCH Etawah: A Sub Inspector (SI) Vijay Pratap, posted at Police Line police station, ran from the police station with the intention of running up to Bitholi police station, where he has been transferred to. He later fainted on the road and was taken to a hospital. pic.twitter.com/UM66gd41qY
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) November 15, 2019
साथ ही, विजय प्रताप का कहना है कि आरआई (रिजर्व इंस्पेक्टर ऑफ पुलिस) की तानाशाही की वजह से मेरा ट्रांसफर किया जा रहा है। साथ ही, उन्होंने कहा कि एसएसपी ने मुझे पुलिस लाइन में ही रहने को कहा था, लेकिन आरआई जबरन मेरा तबादला बिठोली थाने कर रहे हैं। आप इसे मेरा गुस्सा कहें या नाराजगी, मैंने दौड़ते हुए ही बिठोली जाने का निर्णय लिया है। वहीं, सब-इंस्पेक्टर के इस बयान के बाद पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया और फिलहाल पूरे मामले की जांच चल रही है।
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वहीं, खबरों की माने तो डॉक्टरों ने प्रताप विजय की हालत फिलहाल खतरे से बाहर बताई है लेकिन बड़ा सवाल मुख्यालय के आला अधिकारियों को सुबह से ही जानकारी होने के बाद भी दरोगा को रोक क्यों नही गया। जबकि इस बीच रास्ते मे 5 से ज्यादा थाने मिले लेकिन कहीं दारोगा जी को इस अजीब हरकत के लिए रोका नही गया। दरोगा विजय प्रताप का कहना है कि पुलिस लाइन से आर आई ने जबरदस्ती ट्रांसफर कर दिया था। इसलिए उन्होंने थाने दौड़कर जाने का फैसला किया।
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