केरल के मुस्लिम नेता पीएमए सलाम ने स्कूल में लड़के-लड़कियों के साथ बैठने को खतरनाक बता दिया। पीएमए सलाम केरल इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (IUML) के महासचिव प्रभारी हैं। उन्होंने अपने एक बयान में कहा है कि स्कूल की कक्षाओं में छात्र-छात्राओं का साथ बैठना खतरनाक है। इस बयान ने अब विवाद को जन्म दे दिया है, ये बयान ऐसे समय आया है जब केरल सरकार बिना किसी लिंग भेदभाव के सभी को समान शिक्षा मुहैया कराने का प्रयास कर रही है, वो ऐसी शिक्षा प्रणाली राज्य में ला रही है।
मुस्लिम नेता पीएमए सलाम सरकार की आलोचना करते हुए कहते हैं कि ये खतरनाक है, लड़कों और लड़कियों को स्कूल की कक्षाओं में एक साथ बैठने की अनुमति देने की क्या जरुरत है? आप उन्हें मजबूर क्यों कर रहे हैं और ऐसे अवसर पैदा ही क्यों कर रहे हैं। इससे दिक्कतें आएंगी। इससे छात्रों का ध्यान पढ़ाई से हटेगा।
सलाम कहते हैं कि लैंगिक तटस्थता एक धार्मिक मुद्दा न होकर एक नैतिक मुद्दा है। सरकार छात्रों को लिंग-तटस्थ की वर्दी पहनाना चाह रही है। लिंग तटस्थता छात्रों का ध्यान भटकाएगी। हम सरकार से ऐसी शिक्षा नीति को वापस लेने का अनुरोध करते हैं।
इससे पहले राज्य के मुस्लिग संगठनों ने सरकार से सरकारी शैक्षणिक संस्थानों में लिंग-तटस्थ वाली योजनाओं को जबरदस्ती बच्चों पर थोपने के कदम से बचने को कहा था। उन्होंने वामपंथी नेतृत्व वाली सरकार पर शैक्षणिक संस्थानों में उदार विचारधारा को लागू करने की कोशिश करने का आरोप लगाया था।