उत्तरप्रदेश के किसान एक बार फिर धरने पर चले गए हैं, विशेषकर टिकैत बंधुओं के प्रभाव वाले क्षेत्र पश्चिमी उत्तरप्रदेश के किसान धरने पर हैं, भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के बैनर तले किसान मेरठ सहित अन्य इलाकों में धरना दे रहे हैं। ये किसान लखीमपुर खीरी हिंसा में जेल में बंद निर्दोष किसानों की रिहाई की मांग को लेकर इस धरने पर बैठे हैं। भाकियू बीते दो दिनों से शामली, मुजफ्फरनगर, हापुड़, मेरठ, सहारनपुर, बागपत आदि जिलों में धरना दे रही थी लेकिन अब उसने पूरे प्रदेश में धरना देने की घोषणा की है। लेकिन आंदोलन के केंद्र लखीमपुर खीरी में धरने के समाप्त होने पर अंदाजा लगाया जा रहा है कि धरना अब अन्य जगहों पर भी वापस ले लिया जाएगा।
लखीमपुर खीरी का धरना क्यों हुआ समाप्त-
किसान नेता राकेश टिकैत और संयुक्त किसान मोर्चा ने लखीमपुर खीरी में किसानों का धरना समाप्त करने की मांग को मान लिया है। टिकैत ने धरना समाप्त करते हुए कहा कि वो छह सितंबर को दिल्ली में बैठक करेंगे और उसमें आगे की रणनीति तय करेंगे। लखीमपुर-खीरी के जिला प्रशासन के अधिकारियों से मिलने के बाद राकेश टिकैत ने अपना धरना समाप्त कर लिया है। वहीं लखीमपुर खीरी में भी राकेश टिकैत के खिलाफ विरोध देखने को मिला है। बताया जा रहा है कि टिकैत ने एक टीवी डिबेट के दौरान लखीमपुर के लोगों को गुंडा कह दिया था। इसके बाद लोगों का गुस्सा भड़क गया, टिकैत ने वीडियो बना इसपर अपनी सफाई भी पेश की है।
Farmers end Lakhimpur agitation after talks with officials; SKM’s Rakesh Tikait says meet in Delhi on Sept 6 on future strategy
— Press Trust of India (@PTI_News) August 20, 2022
इससे पहले लखीमपुर खीरी में जनमाष्टमी पर संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर किसानों का धरना चल रहा है। वहां देशभर से बड़े किसान नेता पहुंचे थे और उन्होंने सभी किसानों से जिलेवार धरना देने का आव्हान भी किया था। इसके बाद विभिन्न जिलों में धरने शुरु हुए हैं, मेरठ में किसानों ने जनमाष्टमी का वृत रखते हुए शुक्रवार को धरना दिया था जो अब भी जारी है। इन धरनों को लेकर उत्तरप्रदेश की इंटेलिजेंस यूनिट अर्लट पर चल रही है।
किसान चाहते हैं मंत्री अजय टैनी की गिरफ्तारी-
लखीमपुर खीरी में हुई किसानों की गाडी चढ़ाकर हत्या मामले में किसान इस मामले में दोषी साबित हुए केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टैनी को भारत सरकार के मंत्रीमंडल से हटाने की मांग कर रहे हैं। फिर उसके बाद उसको गिरफ्तार कर जेल में डालने की मांग भी की जा रही है।
निर्दोष किसानों को छोड़ने की मांग-
लखीमपुर खीरी में हुए किसान हत्याकांड में कुछ निर्दोष किसानों को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल में ठूसा हुआ है। ऐसा धरने पर बैठे किसानों का कहना है, भाकियू ने इन किसानों की तुरंत रिहाई की मांग की है और कहा है कि उनके ऊपर से झूठे मुकदमे भी वापस लिए जाएं। शहीद हुए किसान नेताओं के परिवार को सरकार ने जो मुआवजा देने की घोषणा की थी वो भी अभी तक दिया नहीं गया है। किसान नेताओं ने सरकार से जल्द से जल्द मुआवजा दिए जाने की मांग भी की है।
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इसके अलावा किसानों ने स्वीमीनाथन कमीशन के फार्मूले पर एमएसपी गारंटी कानून बनाने की मांग की है। किसानों का कहना है कि सरकार ने एमएसपी पर जो अपनी कमेटी बनाई है वो किसानों की मांगों से अलग कार्य कर रही है। इस कमेटी को तुरंत खत्म किया जाए और फसलों की बिक्री पर एमएसपी दिया जाए इसकी गारंटी के साथ नई कमेटी का गठन किया जाए।
किसानों ने कृषि आंदोलन के समय जो देशभर में किसानों के खिलाफ मुकदमे दर्ज हुए हैं उन्हें वापस लेने की मांग भी की और 2022 के नए बिजली बिल को वापस देने की मांग की है।
लड़के और लड़कियों का एक क्लासरुम में बैठना खतरनाक- मुस्लिम नेता