स्नेहा मिश्रा
राजस्थान के इन्वेस्टमेंट समिट में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के राजनेता तथा राजस्थान के वर्तमान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, अडानी समूह के अध्यक्ष व अरबपति गौतम अडानी से हाथ मिलाते नज़र आए। जिनकी तस्वीर सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है। बीजेपी इस तस्वीर को सहारा बना कांग्रेस को कोसने में लगी है, बीजेपी का कहना है कि अडानी को बीजेपी से संबधित बता विरोध करने वाली कांग्रेस आज अडानी की के साथ हाथ मिला रही है। उनके मुख्यमंत्री अडानी से राजस्थान में इनवेस्टमेंट ले रहे हैं फिर क्या कांग्रेस का अडानी-अंबानी विरोध झूठा है? बीजेपी की आईटी सेल मुख्य रुप से ये सवाल दागते हुए इस तस्वीर को वायरल कर रही है।
राहुल गांधी ने किया गहलोत-अडानी मुलाकात का बचाव-
गहलोत और अडानी की तस्वीर सोशल मीडिया पर इतनी वायरल हुई कि भारत जोड़ो यात्रा कर रहे राहुल गांधी को भी इसपर बयान जारी करना पड़ा। राहुल ने कहा कि वे देश के किसी भी कोरपोरेट के खिलाफ नहीं है, उनका विरोध केवल मोनोपॉली को लेकर है। राहुल का कहना है कि अडानी ने राजस्थान में 60 हजार करोड़ के निवेश का एलान किया है, अब कोई भी मुख्यमंत्री इतने बड़े निवेश से कैसे इंकार कर सकता है चाहे वो किसी भी प्रदेश का क्यों न हो। ऐसे में राहुल ने गौतम अडानी और गहलोत की मुलाकात को जायज ठहरा दिया। लेकिन बीजेपी अब कह रही है कि राहुल गांधी फिर किस मुंह से अंबानी-अडानी का अपने मंचों से विरोध करते हैं, ये सब क्या वो सिर्फ वोट और तालियां बटोरने के लिए करते हैं।
In another sign of revolt and brewing discontent against the Gandhis, Rajasthan CM Ashok Gehlot invites Gautam Adani for the investor summit. He is given a seat right next to the CM. This is an open message to Rahul Gandhi, who doesn’t tire berating Adani-Ambani, to back off… pic.twitter.com/ycdCoBcxi1
— Amit Malviya (@amitmalviya) October 7, 2022
अडानी ने पहले ही दिन किया 60 हजार करोड़ का इन्वेस्टमेंट-
राजस्थान इनवेस्टमेंट समिट में राज्य सरकार द्वारा अडानी व अंबानी दोनों को इन्वेस्टमेंट के लिए आमंत्रित किया था। आयोजन के पहले दिन ही अडानी ग्रुप ने 60 हजार करोड़ का निवेश किया, ग्रुप के मुखिया गौतम अडानी ने मीडिया से बातचीत के दौरान इस बात का ऐलान भी किया। इस दौरान अशोक गहलोत भी गौतम अडानी के साथ खड़े थे। राज्य सरकार द्वारा समिट में निवेश करने के लिए आए हुए उद्योगपतियों के ठहरने की व्यवस्था फाइव स्टार होटल्स में की गई।
कांग्रेस का दोहरा रुप आया सामने-
राजस्थान के इन्वेस्टमेंट समिट में अशोक गहलोत और गौतम अडानी की मुलाकात चर्चा का विषय बन चुकी है। देश के दो उद्योगपतियों के नामों को लेकर कांग्रेस हमेशा से ही बीजेपी पर हमला करती आई है परंतु शुक्रवार को राजस्थान के निवेश सम्मेलन में कांग्रेस का दोहरा रूप सामने आ गया है। एक तरफ तो कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष राहुल गांधी उद्योगपतियों को लेकर भाजपा पर सदैव तंज कसते रहते हैं। तो वहीं दूसरी तरफ अशोक गहलोत व अडानी की मुलाकात ने भाजपा को कांग्रेस पार्टी पर पलटवार करने का मौका दे दिया है। कांग्रेस की दोगली बातों से तो यही साबित होता है कि कांग्रेस पार्टी उस हाथी की तरह है जिसके ‘खाने के दांत और तथा दिखाने के कुछ और’।
सतीश पूनिया ने वीडियो पोस्ट कर उठाया सवाल-
इसी बीच भाजपा के राजस्थान प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो क्लिप साझा करते हुए ट्वीट किया है कि “कल तक जो था विरोधी आज बना मनमीत, धन की जगी उम्मीद तो बदली अपनी रीत”। सतीश पुनिया के द्वारा साझा कि गई वीडियो में राहुल गांधी केंद्र सरकार पर अडानी व अंबानी का पक्ष लेने तथा उन्हें और अमीर बनाने का आरोप लगाते हुए नज़र आ रहे हैं। भाजपा विधायक और पूर्व मंत्री वासुदेव देवनानी ने भी अशोक गहलोत व अडानी की चर्चित तस्वीर को साझा करते हुए कांग्रेस के वार पर पलटवार करते हुए उन्हें करारा जवाब दिया है।
कल तक जो था विरोधी, आज बना मनमीत
धन की जगी उम्मीद तो बदली अपनी रीत pic.twitter.com/xpuMTryPSx
— Satish Poonia (@DrSatishPoonia) October 7, 2022
अशोक गहलोत के साथ गौतम अडानी की तस्वीर पर बीजेपी का विरोध क्या जायज है?
अब देखा जाए तो कांग्रेस ने गौतम अडानी और अंबानी को जिस तरह राष्ट्रीय स्तर का मुद्दा बनाया है और देश की जनता को बताया है कि बीजेपी सरकार देश का लगभग सारा काम सिर्फ देश के दो उद्योगपतियों के नाम कर रही है। सारी पूंजी उद्योग उन्हें दिए जा रहे हैं चाहे वो पोर्ट हों या एयरपोर्ट, बिजली हो या रेलवे स्टेशन या फिर गैस हर जगह अडानी की मोनोपॉली को लेकर कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी सवाल उठाते आए हैं। ऐसे में बीजेपी का गौतम अडानी का विरोध एकदम जायज है, कांग्रेस की राजस्थान में सरकार है ऐसे में उसे वहां अडानी के निवेश के आगे हाथ नहीं फैलाने चाहिए अपनी विचारधारा को देखते हुए, लेकिन एक राज्य को अगर अच्छी इनवेस्टमेंट मिल रही है तो उससे इंकार करना गलत है। ऐसे में कांग्रेस के विरोध और विचारधारा के आधार पर बीजेपी का विरोध हमारी राय में जायज ही है।