शीतल यादव
राजधानी दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में वायु प्रदूषण के कारण सांस लेने की दिक्कतों वाले मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है। अभी दिवाली के बाद प्रदूषण के बढ़ने की संभावना जताई गई है लेकिन दिवाली के अगले दिन भी हवाएं चलने की वजह से प्रदूषण का स्तर थमा हुआ है, उसके बादल कहीं जमा नहीं हो रहे। दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में पल्मोनोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉ अनंत मोहन ने मीडिया को जानकारी दी है कि सांस संबधित बिमारी के मामलों में वृद्धि हुई है”कई लोग जो पहले ठीक थे, हा के हालातों में उन्हें सांस लेने में कठिनाई और खांसी की समस्या बढ़ गई है।
सांस के मरीज बढ़ने के ये दो बड़े कारण-
अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस को दी जानकारी के अनुसार एम्स के ही डा. मोहन के अनुसार इसके लिए दो कारण जिम्मेदार हैं, पहला है- मौसम में परिवर्तन और दूसरा हवा की गुणवत्ता का कम होना और प्रदूषण के कारण उसका खराब हो जाना। स्थिती फिलहाल खराब हो रही है, ऐसे मरीजों की संख्या बढ़ रही है जो पहले ठीक थे लेकिन अब एक दो हफ्तों में अचानक से उनकी स्थिती बिगड़ने लगी है।
उनके अनुसार इनमें से ज्यादातर लोगों को सांस लेने में कठिनाई, नाक का बहना, सरदर्द और कफ का बनना जैसे लक्षण दिखाई दे रहे हैं। कभी ये लक्ष्ण हल्के दिखाई पड़ते हैं और कभी ये एक दम से गंभीर हो जाते हैं, ऐसे में मरीजों की दवा में बदलाव करना पड़ता है या फिर उन्हें ज्यादा डोस देनी पड़ती है। इन मरीजों में से कुछ को पहले से ही सांस की बीमारी है और कुछ ऐसे नए हैं जो जिन्हें इसके शुरुआती लक्षण हैं।
Air pollution worsens in Delhi-NCR on the night of Diwali, air quality plummets to ‘Very Poor’ category in Delhi and Noida. pic.twitter.com/1GkAyt952F
— ANI (@ANI) October 24, 2022
मरीजों को देनी पड़ रही है हैवी डोज़-
डाक्टरों के अनुसार इनमें से ज्यादातर लोगों को सांस लेने में कठिनाई, नाक का बहना, सरदर्द और कफ का बनना जैसे लक्षण दिखाई दे रहे हैं। कभी ये लक्ष्ण हल्के दिखाई पड़ते हैं और कभी ये एक दम से गंभीर हो जाते हैं, ऐसे में मरीजों की दवा में बदलाव करना पड़ता है या फिर उन्हें ज्यादा डोस देनी पड़ती है। इन मरीजों में से कुछ को पहले से ही सांस की बीमारी है और कुछ ऐसे नए हैं जो जिन्हें इसके शुरुआती लक्षण हैं।
अस्थमा के मरीजों को अधिक दिक्कत-
डाक्टरों का कहना है कि अस्थमा और पुरानी सांस की बीमारी से जूझ रहे मरीजों को इस मौसम में अधिक दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। अस्थमा के मरीजों को तो तीव्र दौरे पड़ रह हैं, ऐसे मरीजों को घर के अंदर खिड़की, दरवाजे बंद करके रहने और नियमित तौर पर दवाई लेते रहने की सलहा दी गई है। गैर दमा रोगियों को भी खांसी हो रही है जो नोर्मल दवा लेने से भी ठीक नहीं हो रही है।
प्रदूषण के कारण आंखों में पैदा हो रही है ये दिक्कतें-
डाक्टरों के अनुसार इस मौसम में न सिर्फ सांस की बीमारी बढ़ी है साथ में आंखों में जलन होने के मामले भी सामने आ रहे हैं। डाक्टरों के सामने जो मरीज आ रहे हैं उनकी आंखे लाल होना, आंखों में खुजली और जलन होने की शिकायतें आ रहे हैं। इनके पीछे का कारण प्रदूषण ही है। हमारी आंखे शरीर के बेहद संवेदनशील भागों में से एक है हमें प्रदूषित हवा से इनको बचाकर रखना होगा। वहा में पीएम 2.5 का स्तर बढ़ने के कारण आंखों में दिक्कत बढ़ रही है, ऐसे में डाक्टरों की सलाह है कि बाहर कम निकलें और नियमित तौर पर दिन में पानी से आंखों को धोते रहें, खुजली होने पर उन्हें रगड़े नहीं।