जूली चौरसिया
फरीदाबाद के नंगला रोड पर गहरी, चौड़ी नालियां ढ़की न होने की वजह से हादसों का कारण बन रही हैं, अंधेरे में ये नालियां अधिक खतरनाक हो जाती हैं। इस नाली का शिकार शनिवार रात को एक लड़की हो गई। वो आधी नाली में डूब चुकी थी, उसकी मां ने समय रहते उसका हाथ पकड़ लिया और कुछ लोगों की मदद से उसे बाहर निकाल लिया गया। लेकिन ये कोई नई बात नहीं है, आए दिन ये हादसे होते ही रहते हैं।
कुछ माह पहले भी एक छोटी बच्ची उस नाली में पूरी तरह से डूब गई थी। नाली गहरी होने के कारण वह दिखाई भी नही दे रही थी, कड़ी मसक्कत के बाद उसे नाली से बाहर निकाल लिया गया। लेकिन प्रशासन पर इसका कोई भी प्रभाव नहीं पड़ा। आज भी वो नाली ऐसे ही खुली है और उसके ढकने की कोई उम्मीद भी नज़र नही आ रही।
तीन साल पहले 2019 में फरीदाबाद के नंगला रोड पर पानी भर जाने के कारण वहां सड़कें और नालियां बनाई गई थी। ये करीबन 6 फीट या उससे भी ज्यादा गहरी और लगभग 3.5 फीट चौड़ी बनाई गई थी। इतना गहरी होने के बावजूद भी इन नालियों को ढकने की कोई व्यवस्था नहीं की गई। अब ये नालियां गंदे पानी और कचरे से पूरी तरह भर चुकी हैं जिसमें बच्चे तो क्या अगर बड़े भी गलती से गिर जाए तो पता भी नही चलेगा और उनको निकालना भी लगभग नामुमकिन सा हो जाएगा।
इतनी गहरी नालियां बनाने के बावजूद भी बरसात के समय रोड और नाली बराबर हो जाते हैं। पता ही नहीं चलता की नाली कहां है और सड़क कहां है। ये नालियां पूरी तरह कचरे से भरी हुई हैं क्यूकि वहां कूड़ेदान की भी कोई व्यवस्था नही है।इसी वजह से वहां के लोग बड़ी ही लापरवाही से अपनी दुकानों और घरों का सारा कूड़ा नाली में डाल देते हैं इसी कारण नालियां भर जाती है और सालों बाद भी मुस्किल से ही उसकी सफाई नागर निगम द्वारा की जाती है परंतु तब तक बहुत से लोगों के साथ ये हादसा हो चुका होता है।
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अभी त्योहार का समय चल रहा है, सड़कों पर खरीदारी के लिए भीड़ तो होती है और गाड़ियों की आवाजाही भी बढ़ जाती है। जो लोग पैदल जाते हैं उन्हें गाड़ियों से बचने के लिए सड़कों के किनारों का सहारा लेना पड़ता है। लेकिन जब ये सहारा ही आपको खतरे में डाल दे तो क्या करें, अगर सड़क पर चलेंगे तो गाड़ी से खतरा और अगर किनारे पर चले तो नाली से खतरा। आम आदमी जाए तो जाए कहां।
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