स्नेहा मिश्रा
ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, कोई भी ग्रह नक्षत्र जब अपनी चाल बदलता है तो इसका सीधा-सा असर मनुष्य के जीवन पर पड़ता है। केतु ग्रह का ज्योतिष में बहुत प्रभाव है। यह ग्रह कर्म और धर्म प्रधान है। यह दोनों ही अच्छा व बुरा प्रभाव डालता है। इस साल 2023 में केतु शुक्र राशि तुला से निकलकर बुध की कन्या राशि में प्रवेश करेगा। इस पूरी प्रक्रिया में तकरीबन 18 महीने का समय लगता है। केतु ग्रह के कारण प्राणी चिंतनशील विचारों से युक्त और गहन विश्लेषण की क्षमता प्राप्त करता है।
ज्योतिष शास्त्र में केतु को छाया ग्रह की संज्ञा दी गई है, जिसकी अपनी कोई राशि नहीं होती है। यह अचानक से अपना प्रभाव दिखाता है। जिस कारण इसे मायावी व पापी ग्रह के नाम से भी जाना जाता है। ज्योतिष में इस ग्रह की स्थिति समसप्तक मानी जाती है। राहु और केतु यह दोनों ही ग्रह किसी भी राशि में लगभग डेढ़ साल तक विराजमान रहते हैं।
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केतु 30 अक्टूबर, 2023 से तुला राशि से निकलकर कन्या राशि में प्रवेश करेगा। यह दोपहर 1 बजकर 33 मिनट पर गोचर करेगा। राहु के इस गोचर के चलते जहां कुछ राशियों को इससे लाभ मिलेगा तो वहीं दूसरी तरफ कुछ राशियों को हानि उठानी पड़ेगी। अब सवाल यह उठता है कि आखिर वह कौन-सी राशियां हैं, जिन्हें साल 2023 के अंत में लाभ प्राप्त होगा?
वृषभ राशि –
केतु वृषभ के छठे भाव में गोचर करेगा। इसके चलते वृषभ राशि वालों को शिक्षा के क्षेत्र में सफलता प्राप्त हो सकती है। इसके साथ ही इस राशि के लोग व्यापार के क्षेत्र में भी अग्रसर रहेंगे। बहुत समय से चली आ रही बीमारी से राहत प्राप्त हो सकती है और भाग्य भी आपका साथ देगा।
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सिंह राशि –
केतु सिंह राशि के तीसरे भाव में विराजमान रहेगा। प्रत्येक क्षेत्र में सफलता प्राप्त होगी। सहकर्मियों का सहयोग मिलेगा। इस राशि के लोगों का आर्थिक पक्ष भी मजबूत रहेगा। परिजनों का सहयोग प्राप्त हो सकता है और पैतृक संपत्ति में भी लाभ मिलेगा।
धनु राशि –
केतु धनु राशि के एकादश यानी कि ग्यारहवें भाव में विराजमान होगा। केतु के इस गोचर के चलते इस राशि वालों को सभी समस्याओं का समाधान प्राप्त होगा। इस राशि वालों की सभी इच्छाएं भी पूरी होंगी। समाज में मान-सम्मान बढ़ेगा। आर्थिक लाभ होगा। निवेश के क्षेत्र में भी मुनाफा कमाएंगे। व्यापार में बढ़ोतरी होगी। लेकिन दांपत्य जीवन में तनाव पैदा हो सकता है।
मकर राशि –
बात करें मकर राशि की तो केतु इस राशि के दशम भाव में विराजमान होगा। इस समय आपको भाग्य का भरपूर साथ मिलेगा। कार्य क्षेत्र में सफलता प्राप्त होगी। साहस बढ़ेगा और इसके साथ ही व्यापार में भी उन्नति होगी। धर्म-कर्म में मन लगेगा। लंबी यात्रा का योग बन सकता है। मित्रों का सहयोग मिलेगा। पारिवारिक जीवन में मनमुटाव हो सकता है।