किरण शर्मा
निशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा अधिनियम 2009 के तहत अब निजी स्कूलों को मान्यता प्राप्त करने के लिए ऑनलाइन आवेदन
प्रक्रिया से गुजरना होगा। स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता विकास विभाग के द्वारा यह पोर्टल बहुत पहले ही शुरू किया जा चुका था लेकिन अभी तक इस पर कोई काम नहीं किया गया है। लेकिन अब विभाग ने इस बारे में चर्चा कर प्रक्रिया को सुचारू कर दिया हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार अभी तक आरटीई (Right to education) पोर्टल पर 764 स्कूलों ने अपना रजिस्ट्रेशन करवाया है। जिनमें से मान्यता के लिए केवल 89 स्कूलों ने आवेदन दिया है। जिनमें से अभी 4 स्कूलों को ऑनलाइन प्रमाण पत्र मिला है।
इस बारे में सचिव ने कहा, कि अब किसी भी स्कूल को मैनुअल आवेदन पर मान्यता नहीं दी जाएगी। ऑनलाइन प्रक्रिया के दौरान समय पर कार्य नहीं करने वाले जिला शिक्षा अधीक्षक के खिलाफ भी कार्यवाही की जाएगी।
पुराने स्कूलों को देना होगा यू डॉयस कोड-
इस प्रक्रिया के द्वारा पुराने स्कूलों को यू डॉयस कोड देना होगा और
नए स्कूलों को रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया अपनानी होगी। इसके लिए सभी कागजात और महत्वपूर्ण जानकारी को पोर्टल पर अपलोड करना होगा। इस पूरी प्रक्रिया की समीक्षा जिला शिक्षा अधीक्षक करेगा, जिसके बाद स्कूलों की मान्यता को स्वीकार या अस्वीकार किया जाएगा।
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कैसे मिलेगा प्रमाणपत्र-
स्कूलों को यह मान्यता प्रमाण पत्र जिला शिक्षा अधीक्षक के स्वीकार करने की बाद दिया जाएगा। जिसके लिए जिला स्थापना समिति की बैठक की जाएगी। स्कूलों की रिपोर्ट को स्वीकार या अस्वीकार करने के बाद पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा। (RTE) के तहत मान्यता का प्रमाण-पत्र जारी होने के बाद
स्कूल उसे डाउनलोड कर सकते हैं।
यहां से करें आवेदन-
इस ऑनलाइन प्रक्रिया के द्वारा निजी स्कूल संचालक www.rte.jharakhand.gov.in पर जाकर आवेदन कर सकते हैं। पोर्टल के दाहिनी ओर रजिस्ट्रेशन लिंक का विकल्प दिया गया है जहां से आप पासवर्ड बनाकर लॉग-इन कर सकते हैं।
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