अब एक-एक करके अडानी ग्रुप की मुश्किलें कम हो रही हैं। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ने अडानी ग्रुप की फ्लैगशिप कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज को शॉर्ट टर्म एडिशनल सर्विलांस फ्रेमवर्क से बाहर कर दिया। NSE ने ये राहत 6 मार्च को दी है। NSE ने पिछले महीने 6 फरवरी को स्टॉक्स में हाई वोलैटिलिटी के कारण अडानी एंटरप्राइजेज, अंबुजा सीमेंट और Adani Ports and Special Economic Zone को शॉर्ट टर्म एडिशनल सर्विलांस मेजर (ASM) में डाल दिया था। लेकिन अब अंबुजा सीमेंट्स और अडानी पोर्ट्स को इस फ्रेमवर्क से 13 फरवरी को निकाल दिया गया था और अब अडानी इंटरप्राइजेज भी इस से बाहर हो गया है।
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क्या है ASM फ्रेमवर्क?
बाजार के नियामक सेबी और एक्सचेंज निवेशकों के हितों की सुरक्षा के लिए एडिशनल सर्विलांस मेजर फ्रेमवर्क का उपयोग करते हैं। इसके तहत सेबी और एक्सचेंज मिलकर हाई लो वैरिएशन, क्लाइंट कंसेट्रेशन, मार्केट कैंप, डिलीवरी परसेंटेज, वॉल्यूम वैरिएशन, यूनिक पैन की संख्या, पीई क्राइटेरिया पर स्टॉक्स को परख कर रखा जाता है। इसमें जो भी स्टॉक शामिल होते हैं, उसमें भाव के उतार-चढ़ाव पर लगातार नजर रखी जाती है यानी कि उसमें मैनिपुलेशन पकड़ में आ जाएगी और निवेशकों के हितों की सुरक्षा होगी। इसके अंतर्गत दो कैटेगरी लॉन्ग टर्म और शॉर्ट टर्म के लिए स्टॉक्स को रखा जाता है।
Adani Enterprises क्यों आता था इस फ्रेमवर्क में-
अमेरिका के शॉर्ट सेलर हिडन बर्ग रिसर्च की रिपोर्ट में अडानी ग्रुप की कंपनियों पर स्टॉक मैनिपुलेशन और एकाउंटिंग फ्रॉड का आरोप लगाया था। हिडन बर्ग रिसर्च की रिपोर्ट 24 जनवरी को जारी की गई थी और उसके बाद अडानी ग्रुप के शेयरों की भारी बिक्री होने लगी। ग्रुप की फ्लैगशिप कंपनी अडानी इंटरप्राइजेज के शेयर 25 जनवरी 2023 को 3389.85 रुपए के भाव पर आ गया था और 2 दिन के बाद 27 जनवरी को यह 2762.15 रुपए के भाव पर आ गया। इस भारी उतार-चढ़ाव के कारण से अडानी एंटरप्राइजेज को NSE ने NSM फ्रेमवर्क में डाल दिया था और अभी भी इसके शेयर BSE पर 1982.85 रुपए पर हैं।
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