किरण शर्मा
स्पेन की Talgo Train और भारत की Vande Bharat Express के बीच एक गहरा कनेक्शन है। दरअसल भारत में जब वंदे भारत चलाने की कोई योजना नहीं थी तब 2016 में दिल्ली-अगरा-मुंबई और बरेली-मुरादाबाद रुट पर टैल्गो ट्रेन का ट्रायल किया जा रहा था। लेकिन इसे भारत के अनुरूप न पाने के कारण इस योजना को रोक दिया गया। टैल्गो के ट्रायल के चलते रेलवे दिल्ली-मुम्बई रूट पर पड़ने वाले आगरा-पलवल सेक्शन में विशेष तौर पर पटरियों में काफी सुधार कर चुका था, जिसका फायदा वंदे भारत एक्सप्रेस को अब जाकर मिल पाया है। टैल्गो ट्रेन अपनी हल्की बॉडी के साथ तेज गति से चलने के लिए जानी जाती है, ये कर्व्स पर भी बेहतर स्पीड मेन्टेन किए रखती है, साथ ही ये बिना बदलाव भारतीय पटरियों पर चलने में सक्षम थी इसलिए भारत में इसका ट्रायल रन किया जा रहा था।
वंदे भारत ने कैसे पकड़ी 161 KMPH की रफ्तार-
हाल ही में वंदे भारत ने कुछ ऐसा कर दिखाया जिसकी चारों ओर चर्चाएं हो रही हैं। दिल्ली-आगरा-भोपाल की नई वंदे भारत एक्सप्रेस ने अपनी शुरुआती यात्रा के दौरान 161 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार हासिल कर नया रिकार्ड बनाया है।
भारत में ट्रेन की ऐसी रफ्तार को देखकर यात्री भी बेहद खुश नजर आए। इसका वीडियो रेल मंत्री ने भी ट्वीट किया, लेकिन सवाल है कि आखिर ऐसा हो कैसे पाया? वंदे-भारत ने दिल्ली आगरा रूट पर ही इतनी तेज रफ्तार क्यों पकड़ी? क्या इसके पीछे कोई जमीनी कारण है तो आइए जानते हैं, इसकी कहानी टैल्गो ट्रेन से शुरू करते हैं।
An Exhilarating night, #Vandebharat Express cruising at a speed of 160kmph during its trial run between Palwal-Agra section of @CPRONCR pic.twitter.com/H1re3sucK1
— Ministry of Railways (@RailMinIndia) March 30, 2023
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Talgo Train के लिए सुधारा गया था ये रुट-
भारत फोर्ज और स्पेन की ट्रेन कंपनी टैल्गो की भारत में सहयोगी टैल्गो इंडिया के आपसी अनुबंध के तहत इसे भारत की पटरियों पर उतारने की योजना थी। 2016 में स्पेन की Talgo Train ने प्रशिक्षण के तौर पर भारत में दिल्ली-मुंबई रूट पर ट्रायल रन किया था। जिसके लिए पटरियों में काफी सुधार किया गया था जिसकी वजह से इससे पहले गतिमान एक्सप्रेस 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ पाई थी। रूट में किए गए सुधार की वजह से Talgo Train ने 180 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से अपना सफल ट्रायल किया था लेकिन अधिकतम गति और उच्च लागत के कारण भारत में Talgo Train से संबंधित परियोजना को रोक दिया गया। कुछ समय बाद भारत में सेमी हाई स्पीड रेल की आवश्यकता को देखते हुए रेलवे की इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (ICF) द्वारा एक प्रस्ताव जारी किया गया, जिसके लिए प्रधानमंत्री ने 200 करोड़ रूपए की स्वीकृति दे दी, जिसके बाद रेलवे ने ICF में अपनी स्वदेशी तकनीक से टैल्गो ट्रैन की तर्ज पर उससे भी बेहतर ट्रेन कोच बनाए।
Train-18 या Vande Bharat-
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मंजूरी के बाद 18 महीने की अवधि के दौरान ICF ने 2018 में दो ट्रेनसेट का निर्माण किया। जिन्हें 180 किलोमीटर प्रति घंटा की परिचालन गति के साथ डिजाइन किया गया था, जिसे ट्रेन-18 नाम दिया गया। इसका पहला ट्रायल राजस्थान के कोटा और सवाई मोधोपुर रेलवे स्टेशन के बीच किया गया जहां इसने सफलतापूर्वक 180 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार पर सफल ट्रायल किया।
15 फरवरी 2019 को जब ये ट्रेन लांच की गई और इसे दिल्ली-वारणसी और दिल्ली-कटरा रुट पर चलाया गया तो इसका नाम अपने देश के साथ जोड़ दिया गया, तबसे आप और हम इसे वंदे-भारत एक्सप्रेस के रुप में जानते हैं। भारत में किन्हीं कारणों की वजह से उस समय Talgo Train को मंजूरी नहीं मिली थी जिस की तर्ज पर बाद में भारत में ट्रेन-18 यानी वंदे भारत एक्सप्रेस का आगाज हुआ।
पलवल-अगरा सेक्शन पर हाई स्पीड को कैसे छू पाई वंदे भारत-
यह बात सोचने वाली है कि आखिर पलवल-आगरा सेक्शन पर ही वंदे भारत अपनी हाई स्पीड को कैसे छू पाई, जबकि ये ट्रेन तो देश के कई हिस्सों में चल रही है। फिर वहां ऐसा करिश्मा अब तक क्यों नहीं हो पाया था? दरअसल, दिल्ली आगरा मुंबई रूट पर सबसे पहले Talgo Train चलाई जानी थी, लेकिन इस परियोजना में ठहराव आ गया। लेकिन टैल्गो को ट्रायल के बाद भारतीय कंडीशन के अनुरूप नहीं पाया गया। हालांकि पलवल से मथुरा रुट पर रेलवे ने पटरियों में काफी सुधार किया था, जिसके बाद रेलवे की गतिमान एक्सप्रेस 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से इस रुट पर दौड़ पाई थी, जिसके बाद स्पेन की कंपनी टैल्गो ट्रेन का इस रुट पर 180 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलाकर सफल ट्रायल किया गया था।
140…145…150…160 kmph रफ्तार देश की!!
हमारी #VandeBharat pic.twitter.com/FNBGlEtxxj
— Ashwini Vaishnaw (@AshwiniVaishnaw) April 2, 2023
यहां की पटरी सेमी हाई स्पीड ट्रेन के अनुरूप तो थी लेकिन वंदे भारत एक्सप्रेस को इनपर दौड़ने का मौका नहीं मिला था, अब अप्रैल 2023 में मौका मिला तो पलवल आगरा सेक्शन पर वंदे भारत ट्रेन ने 161 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार पकड़कर रेलवे के इतिहास में नया कीर्तिमान स्थापित कर दिया है। दोनों ट्रेनों के बीच हांलाकि इतना ही कनेक्शन है कि वंदे भारत को टैल्गो ट्रेन के ट्रायल रुट पर ही चलाया गया है। जिससे वंदे भारत को वो गति मिली है जिसकी वो हकदार है, जल्द ही रेलवे भारत के सभी रुटों पर पटरियों में सुधार और उनमें कर्व कम करने पर काम करेगा। ताकि इन सेमी हाई स्पीड़ ट्रेनों को कोई दिक्कत पेश न आए।
वंदे भारत के बारे में-
वंदे भारत एक्सप्रेस देश के विकास में चार चांद लगाती है यह भारत की हाई स्पीड बिना इंजन की ट्रेन है जोकि स्वदेश में ही डिजाइन की गई है रेल से सफर करने वाले यात्रियों के लिए वंदे भारत पहली और शानदार पसंद है देश में 2019 में पहली वंदे भारत ट्रेन की शुरुआत की गई थी और इस साल यानी 2023 के अंत तक कुल 75 वंदे भारत ट्रेनों को हरी झंडी दिखाई जाएगी। जिसके लिए भारतीय रेलवे वंदे भारत के तीसरे वर्जन की डिजाइन पर काम कर रहा है।
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