अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी के विश्लेषक Fatih Birol ने ये भविष्यवाणी की है, कि सऊदी अरब की तेल उत्पादन में कटौती की योजना का प्रभाव वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए खतरा बन सकता है। जिसके चलते आने वाले 6 महीनों में बाजारों को तंगी का सामना करना पड़ेगा। सऊदी अरब के द्वारा तेल उत्पादन में कटौती की घोषणा पर अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी के कार्यकारी निदेशक फतह बिरल ने कहा कि सऊदी अरब, रूस और अन्य OPEC (पेट्रोलियम निर्यातक देशों का संगठन) उत्पादकों ने तेल उत्पादन में कटौती करने का निर्णय लिया है।
6 महीनों तक रहेगी तंगी-
Fatih Birol ने कहा कि हम अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी के विश्लेषण और तेल बाजारों को देखने वाली लगभग हर संस्था के गंभीर विश्लेषण को देखने के बाद ही यह निश्चित किया गया, कि इस साल आने वाले 6 महीनों में बाजारों में तंगी देखने को मिलेगी।
यह भी पढ़ें: Covid-19 को लेकर चीनी वैज्ञानिक ने किया दावा, इंसान से हुई थी कोरोना की उत्पत्ति
तेल कटौती का भारत पर ऐसा पड़ेगा असर-
तेल की कटौती करने से भारत जैसे देशों पर तेल उत्पादन में पड़ते प्रभाव को देखकर Fatih ने कहा, कि भारत एक ऊर्जा और तेल का आयातक देश है, उन्होंने कहा कि भारत में खर्च होने वाले अधिकतर तेल का भारत आयात ही करता है। इसके साथ ही Faith ने यह भी कहा कि सउदी अरब द्वारा उठाए गए, इस तरह के कदम भारत के तेल आयात बिल को बढ़ा सकती है। जिसके कारण भारतीय अर्थव्यवस्था और भारतीय उपभोक्ताओं पर बोझ बढ़ेगा। आपको बता दें, कि अभी भारत रूस से सबसे ज्यादा तेल खरीदता है।
रूस से तेल का आयात करता भारत-
भारत लगभग पिछले 1 साल से रूस से लगातार तेल का आयात करता आ रहा है, इसी कड़ी में बीते महीने यानी मार्च में भी भारत ने रूस से कच्चे तेल का आयात किया है। अगर बात करे तेल के आंकड़े कि तो हर दिन के हिसाब से 16 लाख 40 हजार तेल भारत में खर्च होता है। आपको यह जानकर हैरानी होगी, कि तेल का आयात करने के मामले में भारत ने इराक से भी दोगुना तेल रूस से आयात किया है।
यह भी पढ़ें: पाकिस्तान में हुआ बड़ा धमाका, 4 लोगों ने गंवाई जान