By using this site, you agree to the Privacy Policy and Terms of Use.
Accept
Sunday, 7 Sep 2025
  • MY BOOKMARK
  • INTERESTSNew
  • CONTACT US
  • BLOG INDEX
Subscribe
Dastak India Transparent mobile new logo
  • होम
  • देश
  • टेक
  • ऑटो
  • एजुकेशन
  • मनोरंजन
  • बिजनेस
  • दुनिया
  • वीडियो
  • धर्म
  • लाइफस्टाइल
  • अन्य
    • खेल
    • विचार
    • हरियाणा
  • 🔥
  • देश
  • होम
  • मनोरंजन
  • social media
  • टेक
  • bjp
  • खेल
  • video
  • police
  • bollywood
Font ResizerAa
Dastak IndiaDastak India
  • होम
  • देश
  • टेक
  • ऑटो
  • एजुकेशन
  • मनोरंजन
  • बिजनेस
  • दुनिया
  • वीडियो
  • धर्म
  • लाइफस्टाइल
  • विचार
Search
  • My Interests
  • Contact Us
  • Privacy Policy
  • Terms of Use
Have an existing account? Sign In
Follow US
© 2024 Dastak India. All Rights Reserved.
Dastak India > Home > दुनिया > आखिर क्यों इस देश में लाए जा रहे हैं किराए पर कैदी, जानिए यहां
दुनिया

आखिर क्यों इस देश में लाए जा रहे हैं किराए पर कैदी, जानिए यहां

Dastak Web Team
Last updated: April 25, 2023 7:35 pm
Dastak Web Team
Share
Jail
प्रतिकात्मक तस्वीर (Photo Source - Google)
SHARE

हमारे यहां ये शिकायत होती है, कि यहां जेल की क्षमता से भी ज्यादा कैदी हैं वही दुनिया में एक ऐसा देश भी है, जहां धड़ाधड़ जेलों पर ताला लग रहा है, नीदरलैंड में क्राइम रेट इतना कम हो चुका है कि वहां की जेलों की जरूरत कम होती जा रही है। जानकारी के मुताबिक, साल 2021 में नीदरलैंड की प्रति एक लाख की आबादी लगभग 53 क्राइम हुए, 2020 में यह आंकड़ा 58 का था, पिछले दो दशकों में यहां पर क्राइम ग्राफ काफी तेजी से कम हो रहा है। यहा क्राइम रेट साल 2016 में सबसे कम था, जब हर एक लाख की आबादी पर केवल 51 लोगों ने अपराध किया। ये अपराध बलात्कार. हत्या जैसे गंभीर अपराध नहीं ,है बल्कि छोटे-मोटे क्राइम होते हैं।

ऑनलाइन डेटाबेस संस्था वर्ल्ड प्रिज़नर-

दूसरी ओर जेल की व्यवस्था पर काम करने वाली ऑनलाइन डेटाबेस संस्था वर्ल्ड प्रिज़नर के मुताबिक, वेनेजुएला में दुनिया में सबसे ज्यादा अपराध होते हैं, यहां हर एक लाख की आबादी पर 92 हत्याएं होती हैं। ये सिर्फ हत्या है बाकी अपराध जैसे डकैती, चोरी, मारपीट, नशा जैसे अपराध और भी ज्यादा हैं।

जेलों के खाली होने के पीछे का कारण-

नीदरलैंड की जेलों के खाली होने के पीछे सिर्फ यही वजह नहीं है, कि वहां अपराध कम है, बल्कि और भी कई कारण है। यूनिवर्सिटी ऑफ लंदन के इंस्टीट्यूट फॉर क्रिमिनल पॉलिसी रिसर्च ने इन पर रिसर्च की, जिसके अनुसार, यहां अदालतें कैदियों को जेल की सजा कम ही सुनाती है। ये सजा तभी मिलती है, जब अपराध गंभीर हो और क्रिमिनल सोसाइटी में ज्यादा नुकसान पहुंचा सकता हो।

कस्टोडियल सेंटेंस-

नीदरलैंड में कस्टोडियल सेंटेंस के 55 प्रतीशत मामलों में 1 महीने से भी कम के लिए जेल की सजा होती है, जबकि तीन चौथाई मामले में 3 महीने की कैद मिलती है जिसका मतलब है कि फ्री ट्रायल कस्टडी के दौरान ही बहुत से अपराधी सजा पूरी भी कर लेते हैं और जेल जाने के बजाय घर लौट जाते हैं। ज्यादातर कैदियों पर जुर्माना लगाया जाता है या फिर कम्युनिटी सर्विस से जोड़ दिया जाता है जैसे सफाई, पौधे लगाना, अस्पतालों में एडमिनिस्ट्रेशन सर्विस देना आदि।

नीदरलैंड सरकार नए प्रयोग करती रही-

कैदी अपने परिवार से जुड़े रहें इसके लिए भी नीदरलैंड सरकार नए प्रयोग करती रही है। वहां कैदियों को रात में तय समय के लिए इंटरनेट भी दिया जाता है, ताकि वह अपने बच्चों को गुड नाइट स्टोरी सुना सके या अपने परिवार से बातचीत कर सकें। जेल के वॉर्डन कैदियों को नंबर की बजाय उनके नाम से बुलाते हैं ये सारी चीजें एक तरह की थेरेपी होती है ताकि जेल से निकलने के बाद कैदी तुरंत सोसाइटी से जुड़ सकें।

डच प्रशासन-

डच प्रशासन का मानना है कि लंबे समय तक जेल में रहना कैदी कि मानसिक सेहत के लिए ठीक नहीं है और वो निकलने के बाद और भी ज्यादा गड़बड़ी कर सकता है। इस सोच की वजह से वहां की लीडर यूनिवर्सिटी ने एक शोध किया, जिसमें क्रिमिनोलॉजी डिपार्टमेंट ने माना कि जो अपराधी इलेक्ट्रॉनिक मॉनिटरिंग के साथ कम्युनिटी सर्विस की सजा काटते हैं, उनके अपराध करने का डर ऐसे क्रिमिनल्स की तुलना में कम होता है जिन्हें 6 महीने से लेकर साल भर की जेल हुई हो।

गौर फरमाएं- America में सुप्रीम कोर्ट ने Abortion pills से हटाए प्रतिबंध, बाइडन सरकार ने किया समर्थन

इलेक्ट्रॉनिक मॉनिटरिंग सिस्टम-

यहां पर कैदियों के लिए इलेक्ट्रॉनिक मॉनिटरिंग सिस्टम है, उनके पैरों में एक ऐसा डिवाइस पहनाया जाता है। जिससे लोकेशन को ट्रेस किया जा सके, इसके बाद उन्हें मुख्यधारा में छोड़ दिया जाता है। यह डिवाइस एक रेडियो फ्रिकवेंसी सिगनल भेजती रहती है, क्रिमिनल सीमा से बाहर जाए तो पुलिस को सूचना मिल जाती है।

खाली पड़ी जेलें बंद-

जेलों में कम होते कैदियों को देखकर 2016 में डच सरकार ने तय किया, कि वह खाली पड़ी जेलों को बंद करते हुए, उसे ठेके पर दे देगी या किसी को बेच देगी। कुछ में दफ्तर चलने लगे कुछ जेलों को शरणार्थी कैंप में बदल दिया गया जहां सीरिया या दूसरे देशों से आ रहे लोगों को रखा जाने लगा। इससे वहां काम कर रहे जेल कर्मचारी बेगार होने लगे इसी के हल के तौर पर नीदरलैंड ने अनोखा तरीका खोजा वह नार्वे समेत उन सभी पड़ोसी देशों के से कैदी उधार लेने लगा जहां की जेल भरी हुई हैं।

यहां भी गौर फरमाएं- 2023 को लेकर बाबा वेंगा ने की ऐसी भविष्यवाणी कि सोचकर रूह कांप जाएगी, बड़ी आबादी को खतरा

TAGGED:Low Crime rateNederlandprisonPrisoners
Share This Article
Facebook Twitter Whatsapp Whatsapp Copy Link
Previous Article Maruti Suzuki Swift Swift का ये मॉडल है फुल पैसा वसूल, कम कीमत में मिलेंगे दमदार फीचर्स
Next Article Upsolve यूपी में योगी का खौफ, सरेंडर करने गैंगस्टर खुद पहुंचा पुलिस थाने

दस्तक इंडिया की खबरों की समझ

दस्तक इंडिया मीडिया समूह समझता है कि सोशल मीडिया के इस जमाने में आपके पास ब्रेकिंग न्यूज के काफी विकल्प हैं। इसलिए हम उनपर फोकस न करते हुए आपके लिए इनसाइड स्टोरी पर ज्यादा जोर देते हैं, क्योंकि वो आपको कोई नहीं बताता। इसके अलावा हम आपको धर्म, लाईफस्टाईल, टेक और ऑटो जैसी कटैगरी की खबरें भी आप तक पहुंचाते हैं।
FacebookLike
TwitterFollow
InstagramFollow
LinkedInFollow
MediumFollow
QuoraFollow
- Advertisement -
Ad image

Popular Posts

Railway ने New Delhi Station के ट्रैफिक को कम करने के लिए बनाई ये योजना, 4700 करोड़ होंगे खर्च

दिल्ली की भीड़ और ट्रैफिक को कम करने के लिए उत्तरी रेलवे ने एक बहुत…

By Dastak Web Team

VIDEO: ‘यस मैम’ नहीं कहा तो गुस्सा गई मैडम, 2 मिनट में मासूम को मारे 40 थप्पड़

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में अटेंडेंस के दौरान ‘यस मैम’ नहीं बोलने पर बच्चे…

By dastak

Oppo F9 Pro टीज़र के बाद Oppo F9 की Specification हुई लीक

शानदार फीचर और दमदार कैमरा क्वालिटी के साथ Oppo कंपनी बाजार में अपने स्मार्टफोन के…

By Admin

आप ये भी पढ़ें

Ukraine's Cyber Attack on X
दुनिया

क्या भारतीय प्रेस पर राज करेंगे एलन मस्क ? जाने क्या है पूरा सच ?

By कनक जोशी
दुनिया

क्या है ट्रंप का One Big Beautiful Bill?कैसे कर सकता है ये आपको प्रभावित ?

By कनक जोशी
Amit Saha
दुनिया

अमित शाह का स्पष्ट संदेश: सिंधु जल पर… पाकिस्तान को नहीं मिलेगा पानी?

By कनक जोशी
दुनिया

ईरान बना कश्मीरी मुस्लिम छात्रों का नया शैक्षणिक ठिकाना-लेकिन क्यों?

By कनक जोशी
Dastak Logo Small
Facebook Twitter Google-plus Wordpress Wordpress

About US

दस्तक इंडिया एक डेडिकेटेड इंडिपेंडेंट खबर वेबसाइट है जहाँ हमलोग ताजा खबरें देश, विदेश ओर बिज़नेस, एंटरटेनमेंट ट्रेवल, रिलिजन, जीवन शैली, क्राइम, राजनीती, इत्यादि आप तक पहुंचाते हैं।

हम लोग एक टीम है पत्रकारिता से जुड़े हुए जिनका मक़सद है लोगों तक सही खबर पहुंचना बिना किसी डर , बिना किसी के फेवर किये हुए।

© Dastak India News Website. All Rights Reserved.

 

Contact Us

Disclaimer 

Join Us!

Subscribe to our newsletter and never miss our latest news, podcasts etc..

Email Address*

I accept the terms and conditions

Zero spam, Unsubscribe at any buzzstream.
Welcome Back!

Sign in to your account

Lost your password?