चंडीगढ़ में पीजीआईएमईआर (Chandigarh PGIMR) के प्रशासन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के ‘मन की बात’ (Mann Ki Baat) के 100वें एपिसोड को न देखने पर 36 नर्सिंग छात्रों को अपने आवास से बाहर निकलने पर रोक लगा दी है, कुल मिलाकर इन्हें नजरबंद कर दिया गया है। इसके जवाब में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सांसद महुआ मोइत्रा ने शुक्रवार को सवाल किया कि क्या प्रधानमंत्री के रेडियो कार्यक्रम को न सुनने के जुर्म में मुझपर भी घर से बाहर निकलने पर रोक लगा दी जाएगी?
मोइत्रा ने ट्विटर पर कहा, “मैंने भी Monkey (मन की बात) नहीं सुनी है। क्या मुझे भी सजा मिलेगी? क्या मुझे एक हफ्ते तक घर से निकलने से मना कर दिया जाएगा? अब गंभीर चिंता हो रही है।” टीएमसी की सांसद ने इसके साथ ही इस घटना की एक समाचार रिपोर्ट को भी संलग्न किया। उन्होंने मन की बात को अंग्रेजी में बंदर लिखा है।
I haven’t listened to monkey baat either. Not once. Not ever. Am I going to be punished as well? Will l be forbidden from leaving my house for a week?
Seriously worried now. pic.twitter.com/HaqEQwsWOj
— Mahua Moitra (@MahuaMoitra) May 12, 2023
36 नर्सिंग छात्रों को आवास से बाहर जाने से क्यों रोका गया था?
30 अप्रैल को, पीजीआईएमईआर प्राधिकरण ने एक लिखित आदेश जारी किया जिसमें नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ नर्सिंग एजुकेशन (एनआईएनई) के सभी नर्सिंग छात्रों को इस कार्यक्रम में भाग लेने के लिए कहा गया था, जो परिसर में आयोजित किया गया था और इसमें मन की बात का प्रसारण किया गया था।
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बुधवार को जारी एक बयान में, पीजीआईएमईआर ने नर्सिंग छात्रों को पीएम मोदी के रेडियो प्रसारण को सुनने के अपने फैसले को सही ठहराया। संस्थान ने कहा कि यह उनके पाठ्यक्रम का एक नियमित पहलू था, जिसमें अतिथि व्याख्यान देने और चर्चाओं में भाग लेने के लिए विशेषज्ञों और पेशेवरों को आमंत्रित करना शामिल है।
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