चीन और भारत दोनों ही महाशक्तियां अपने-अपने मुल्क से एक-दूसरे के पत्रकारों को बाहर निकाल रही है। जिसके चलते चीन ने इस महीने के आखिर तक अंतिम भारतीय पत्रकार को देश छोड़ने के लिए कह दिया है। ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक़, चीनी अधिकारियों ने प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया के पत्रकार को जून के आखिर तक चीन छोड़ने का आदेश दिया है। इस रिपोर्टर के भारत लौटने के बाद चीन से भारतीय मीडिया की हाज़िरी पूर्ण रूप से समाप्त हो जाएगी। बीते कुछ समय से दोनों देशों के बीच मन मुटाव चल रहा है।
मामले पर दोनों देशों ने साधी चुप्पी:
साल की शुरुआत में चीन में चार भारतीय पत्रकार मौजूद थे। बीते सप्ताह ‘हिन्दुस्तान टाइम्स’ के एक रिपोर्टर ने देश छोड़ दिया, तो वही प्रसार भारती और ‘द हिन्दू’ न्यूज़पेपर को अप्रैल महीने में ही चीन में वीज़ा के नवीनीकरण पर रोक लगा दी गयी थी। हालाँकि चीनी विदेश मंत्रालय और भारतीय विदेश मंत्रालय दोनों ने ही अभी तक इस मामले पर चुप्पी साध रखी है।
दोनों देशों के बीच बढ़ रही दूरी:
भारतीय सरकार ने चीन में भारतीय पत्रकारों की दशा को लेकर कहा था कि, हिन्दुस्तान में चीनी रिपोर्टर बड़े आराम से अपना काम कर रहे हैं लेकिन चीन में भारतीय पत्रकारों के लिए स्तिथि समान नहीं है। जिसके चलते दोनों देशों के बीच दरार पैदा हो रही है।
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बीते महीने चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने अपने एक बयान में कहा था कि, हिन्दुस्तान में एक चीनी पत्रकार अपने वीज़ा के नवीनीकरण के लिए इंतजार कर रहा है। इससे पहले भी भारत सरकार ने शिन्हुआ न्यूज़ एजेंसी और चीन सेंट्रल टेलीविजन के दो पत्रकारों के वीसा के नवीनीकरण आवेदन को खारिज कर दिया था।
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कब शुरू हुआ यह विवाद?
तो वहीं भारतीय अधिकारियों के अनुसार, चीन में रिपोर्टिंग में मदद के लिए भारतीय पत्रकारों द्वारा सहायक पत्रकारों की भर्ती को लेकर वीज़ा का विवाद शुरू हुआ था। जिसके चलते चीन ने एक समय पर सिर्फ तीन सहायकों की सेवा तय कर रखी थी , जबकि भारत में इस तरह की कोई सीमा तय नहीं है।