आपने बहुत बार सुना होगा कि एक छोटी सी सरकारी नौकरी के लिए बड़ी-बड़ी डिग्री धारी आवेदन करने लगते हैं, देश में शिक्षित बेरोजगारों की संख्या बढ़ती ही जा रही है और जरूरत के हिसाब से नौकरियां नहीं मिल रही हैं, चीन में भी कुछ ऐसा ही हाल हो गया है वहां भी बेरोजगारी दिन-प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है। लेकिन इसके साथ ही चीन में नया ट्रेंड देखने को मिल रहा है, वहां बड़ी संख्या में युवा ऊंची सैलरी वाली नौकरी को छोड़कर वेटर या अन्य स्वरोजगार का काम अपना रहे हैं।
महिलाएं भी इनमें शामिल-
चीन में बहुत सी महिलाएं भी इनमें शामिल हैं जिन्होंने अच्छी सैलरी वाली नौकरियों को छोड़ दिया और शारीरिक श्रम वाले ऐसे रोजगार अपनाएं, जिनमें उनकी सालरी बहुत कम हैं। इनमें वेटर, बरिस्ता, कैशियर आदि जैसे काम शामिल है, चीन की एक 25 वर्षीय महिला ने अपनी सोशल मीडिया अकाउंट पर लिखा है कि उसने अच्छी सैलरी वाली कंसलटिंग की नौकरी छोड़ दी है।
इस तरह का चलन पूरे देश में-
उस महिला का कहना है कि उसने नौकरी के साथ ही ईमेल, पीटीटी इंटरव्यू से भी छुटकारा पा लिया और एक बरिस्ता के तौर पर शुरुआत की, जिसमें महीने की सैलरी उसकी पुरानी सैलरी का छोटा सा हिस्सा है। ऐसा चलन पूरे चीन में देखने को मिल रहा है क्योंकि पूरा चीन में बेरोजगारी की दर रिकॉर्ड बना रही है।
बेरोज़गारी-
इसी वजह से एक पूरी पीढ़ी ज्यादा काबिलियत होने के बाद भी बेरोजगार रह गई है, इसी तरह टिक- टॉक की चीन स्थित पैरंट कंपनी वाइट डांस में काम करने वाली एक और चीनी महिला ने एक ईटर खोला और पूरा दिन खाना पकाने में बिता रही हैं। उसने भी सोशल मीडिया पर लिखा है कि वो ये कहना चाहती है कि वो कंपनी छोड़ने के बाद बहुत खुश है, उसका शरीर थक जाता है लेकिन दिमाग बहुत खुश है।
सोशल मीडिया-
पिछले कुछ सालों में चीन में यह चलन वहां के सोशल मीडिया इंस्टाग्राम पर खूब देखा जा रहा है, जिसमें लोग उन्हें साझा करते हुए अपनी नई भूमिकाओं की जानकारी साझा कर रहे हैं। बिजनेस जानकारी के मुताबिक 12 जून तक इस मंच पर हेस्टैक माय फर्स्ट फिजिकल वर्क एक्सपीरियंस ने 3 करोड़ से भी ज्यादा व्यूज़ हासिल किए हैं।
हैरान करने वाली बात-
सबसे ज्यादा हैरान करने वाली बात तो यह है कि आखिर बढ़ती बेरोजगारी में युवा ज्यादा सैलरी वाली नौकरी छोड़ क्यों रहे हैं, इसका जवाब इसके हैशटैग डिस्क्रिप्शन में मिलता है, जिसमें लिखा है फास्ट फूड रेस्तरां मालिक, सफाई कर्मी, वेटर। युवा अपने जीवन और बिना दिमाग खाने वाले कामों को करते हुए आंतरिक व्यवस्था पर नियंत्रण हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं।
परफॉर्मेंस रिपोर्ट की चिंता नहीं-
बहुत से ऐसे युवा हैं जिन्होंने यह बदलाव किया है उनका कहना है कि यह एक राहत की बात है कि उन्हें अब परफॉर्मेंस रिपोर्ट की चिंता नहीं करनी पड़ती है और सिर्फ छोटे कामों पर ध्यान देना होता है। इससे पता चलता है कि बड़ी नौकरी का दबाव कितना बड़ा है और उसे छोड़ने के लिए युवा किस हद तक जा सकते हैं।
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सोशल मीडिया पर युवाओं के विचार-
जिस तरह से सोशल मीडिया पर युवा अपने विचार रख रहे हैं, उससे पता चलता है कि युवाओं का बड़ी और उच्च वेतन वाली नौकरीयों के प्रति आकर्षण तेजी से घटता जा रहा है और वह व्हाइट कॉलर नौकरी में संतोष दिखा रहे हैं। वह खुद को ऐसे पुर्जे के तौर पर देख रहे हैं जिसे कभी भी बदला जा सकता है, वहीं कम वेतन वाली नौकरी में शारीरिक श्रम के साथ भागीदारी के एहसास और खुद को बेहतर महसूस कर रहे है। इससे यह भी पता चलता है कि कंपनी अपने कर्मचारियों को रोकने में पूरी तरह से नाकाम हो गई हैं।
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