जया पार्वती व्रत को सनातन धर्म में बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। यह व्रत भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित होता है। इसके साथ ही इस व्रत को मां पार्वती के भक्त बड़ी श्रद्धा के साथ रखते हैं। जया पार्वती व्रत 5 दिनों तक चलता है इसमें मां पार्वती की पूजा-अर्चना कर उनसे अखंड सौभाग्यवती का वरदान मांगा जाता है।
इस साल यह व्रत 1 जुलाई 2023 को रखा जाएगा। वहीं आपको बता दें, कि 1 जुलाई को शनि प्रदोष व्रत का संयोग बन रहा है, ऐसी परिस्थिति में शिव-पार्वती पूजा का दुगना फल मिलता है। यह व्रत शुक्ल पक्ष त्रयोदशी से आरंभ होता है और सावन माह की कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि पर समाप्त होता है।
व्रत का महत्व-
जया पार्वती व्रत करने से अनेकों लाभ मिलते हैं, जैसे- घर में सुख समृद्धि बनी रहती है। इसके साथ ही विवाहित महिलाएं इस व्रत को कर पार्वती मां से अखंड सौभाग्यवती और संतान प्राप्ति का वरदान मांगती है। जब की कुंवारी कन्या जया पार्वती व्रत कर सुखी जीवन और अच्छे वर की कामना करती हैं।
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जया पार्वती व्रत की विधि-
जया पार्वती व्रत को सनातन धर्म में बहुत ही पवित्र माना जाता है। यह व्रत 5 दिनों तक चलता है, इस व्रत में अविवाहित कन्याएं और विवाहित महिलाएं मिट्टी का हाथी बनाकर उस पर 5 दिन तक अलग-अलग प्रकार के फल-फूल प्रसाद चढ़ाती हैं और मां पार्वती की पूजा-अर्चना करती है। व्रत के पहले दिन उपवासकर्ता को एक छोटे से बर्तन में गेहूं या जौ के दाने बोने चाहिए और इन दानों में पांच दिन तक पानी डालते रहना चाहिए। इसके साथ ही जो स्त्रियां इस व्रत को धारण करती हैं, उन्हें पूरी रात भजन-कीर्तन करते हुए मां की अर्चना करनी चाहिए। 5 दिन के बाद जब व्रत पूर्ण हो जाए, तब बर्तन में उगी हुई घास को निकालकर नदी में प्रवाहित कर देना चाहिए।
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