अक्सर आपने बच्चों को यह कहकर डराते हुए जरूर सुना होगा, कि रात के समय पीपल के पेड़ पर भूत-प्रेतों का वास होता है। इतना ही नहीं सनातन धर्म में पीपल का पेड़ को लेकर बहुत सारी मान्यताएं भी प्रचलित है। जिनमें से कुछ मान्यता है, तो धर्म और आस्था पर आधारित है, जबकि कुछ मान्यताएं वैज्ञानिक तथ्य पर आधारित है। चलिए आज हम आपको पीपल के पेड़ से जुड़ी कुछ ऐसी ही मान्यताओं के बारे में बताते हैं।
पीपल में भूतों का वास-
सनातन धर्म में पीपल पेड़ को लेकर यह मान्यता है कि, पीपल के पेड़ को कभी नहीं कटवाना चाहिए, क्योंकि पीपल के पेड़ को कटवाने से पितृदोष लगता है। इसके साथ ही भूत-प्रेतों की मान्यता को लेकर ऐसा माना गया है, कि यह अफवाह लोगों के बीच इसीलिए फैलाई गई होगी, ताकि इस पेड़ को कोई नुकसान ना पहुंचाएं। क्योंकि पीपल का पेड़ 24 घंटों ऑक्सीजन देता है, जो कि हमारे शरीर के लिए बेहद ही जरूरी है।
काला जादू-
पीपल के पेड़ को लेकर यह भी माना जाता है, कि पीपल के पेड़ से काला जादू किया जा सकता है। अक्सर बहुत बार ऐसी कुछ चीजें देखने को मिलती है, जो इस बात को साबित करती है कि लोग काला जादू करने के लिए पीपल के पेड़ का सहारा लेते हैं।
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पापों से मुक्ति-
सनातन धर्म में पीपल के पेड़ का महत्व इसलिए भी अधिक हो जाता है, क्योंकि सनातन धर्म में बहुत से धर्म- कर्म के कार्यों में पीपल के पेड़ का उपयोग किया जाता है। जैसे हवन में पीपल की लकड़ियों का इस्तेमाल किया जाता है। इसके साथ ही यह भी मान्यता बहुत ही प्रसिद्ध है, पीपल के पेड़ में जल डालने से आपको अपने पापों से मुक्ति मिलती है और आपको धर्म के मार्ग पर चलने का श्रेष्ठ अवसर भी मिलता है।
पीपल में देवताओं का वास-
पीपल के पेड़ का जिक्र वेदों और शास्त्रों में भी मिलता है। इसके अनुसार, पीपल के पेड़ में देवी-देवता का वास होता है। स्कन्दपुराण की माने तो पीपल के पेड़ में भगवान विष्णु का वास होता है और जब स्त्रियां बृहस्पतिवार का व्रत करती हैं। तब वह पीपल और केले के पेड़ में अर्ग देकर भगवान विष्णु और गणेश की पूजा-अर्चना करती हैं। जिसे उनके घर में सुख-समृद्धि और धन की वर्षा हो।
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