अधिक मास के दौरान शुल्क पक्ष की एकादशी को पद्मिनी एकादशी कहा जाता है, पद्मिनी एकादशी को कमला एकादशी के नाम से भी लोग जानते हैं। भक्त इस दिन भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा कर व्रत रखते हैं, ऐसा माना जाता है, कि जो भक्त पूरी श्रद्धा के साथ पद्मिनी एकादशी का व्रत करता है। उसे मृत्यु के बाद नरक और स्वर्ग से मुक्ति मिल सीधे वैकुंठधाम की प्राप्ति होती है। कई लोग पद्मिनी एकादशी का व्रत इसीलिए भी करते है, ताकि उनका यश बढ़े और घर में सुख शांति का वास हो। वहीं पद्मिनी एकादशी कथा के अनुसार, राजा कृतवीर्स की पत्नी पद्मिनी ने इस व्रत को करके पुत्र की प्राप्ति की थी।
इस साल पद्मिनी एकादशी-
सनातन धर्म में पद्मिनी एकादशी को बहुत ही पवित्र माना जाता है ।वहीं हिंदू कैलेंडर के अनुसार, सावन माह में अधिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी यानी पद्मिनी एकादशी 28 जुलाई शुक्रवार की दोपहर 2 बजकर 51 मिनट से शुरू होकर 29 जुलाई की दोपहर 1 बजकर 5 मिनट पर समाप्त होगी। ऐसे में पद्मिनी एकादशी का व्रत 29 जुलाई यानी शनिवार के दिन रखा जाएगा।
पूजा का शुभ मुहुर्त-
साल 2023 में पद्मिनी एकादशी का व्रत 29 जुलाई को रखा जाएगा। इस व्रत में भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना का जाती है। वहीं अगर हम पूजा के मुहुर्त की बात करें, तो 29 जुलाई की सुबह 7:30 बजे से लेकर 9 बजे तक का है। इसके अलावा दूसरा मुहुर्त दोपहर 12 बजे से लेकर शाम 5 बजे तक का है।
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