अंतरिक्ष में दिन-प्रतिदिन घटने वाली घटनाओं पर वैज्ञानिक अपनी दृष्टि बनाए रहते हैं, इसी कड़ी में रूसी वैज्ञानिकों ने शक्तिशाली सौर ज्वाला की गतिविधियों की भविष्यवाणी कर दी हैं। जो कि हमारे कम्युनिकेशन प्रोटोकोल को प्रभावित कर सकती हैं। वैज्ञानिकों के अनुसार, सूर्य पर तीन ज्वालाएं दिखाई दी। जो कि पृथ्वी पर शार्ट-वेव रेडियो स्थितियों को प्रभावित कर सकती हैं। वहीं मॉस्को में फेडोरोव इंस्टिट्यूट इंस्टिट्यूट ऑफ़ एप्लाइड जियोफिजिक्स ने कहा, की प्रोटॉन फ्लेयर्स के साथ दसवीं कक्षा के फ्लेयर्स की उम्मीद की जा रही हैं।
सौर ज्वालाएं-
सौर ज्वालाएं कैसे बनती है? यह प्रश्न सभी के मन में उठ रहा होगा। जब सूर्य के अंदर और उसके आस-पास के शक्तिशाली चुंबकीय क्षेत्र आपस में फिर से जुड़ते हैं, तो ये सौर ज्वालाओं का कारण बन जाती हैं। वहीं, अगर NASA की मानें तो सौर ज्वालाएं पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र से प्रभावित होती है। जो कि उपग्रहों और संचार उपकरणों को नुकसान पहुंच सकती हैं। जानकारी के लिए आपकों बता दें, कि साल 2022 में लगभग 40 नए लॉन्च किए गए स्पेसएक्स उपग्रहों को सूर्य से विकिरण के एक बड़े विस्फोट से उत्पन्न हुए भू-चुंबकीय तूफान ने बहुत नुकसान पहुंचाया था।
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एक्स-क्लास फ्लेयर्स (X-Class Flares) सौर मंडल का सबसे बड़े विस्फोट हैं। इस प्रकार के विस्फोट में सौर ज्वालाएं लंबे समय तक चलने वाले विकिरण तूफान को उत्पन्न कर सकती हैं। AR3354 नाम का एक बड़ा सनस्पॉट इस महीने की शुरूआत में पृथ्वी से लगभग 10 गुना बड़ा हो चुका है। जिसकी वजह से एक्स-श्रेणी की चमक उत्पन्न हो गई है। इस सौर गतिविधि के कारण अमेरिका के कुछ हिस्सों में रेडियो ब्लैकआउट होना शुरू हो चुका है।
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